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सिंगरौली

…. तो फिर छात्र जमीन पर बैठकर देंगे बोर्ड की परीक्षा, जानिए क्या बन रही वजह

फर्नीचर की व्यवस्था नहीं कर सके जिम्मेदार……

सिंगरौलीDec 09, 2019 / 02:44 pm

Amit Pandey

There is not enough furniture in the examination centers in Singrauli

There is not enough furniture in the examination centers in Singrauli

सिंगरौली. परीक्षा में परीक्षार्थियों की एक-एक मिनट का वक्त कीमती होता है। परीक्षा के दौरान एकाग्रता भी जरूरी होती है। यही वजह है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल ने परीक्षार्थियों के लिए केंद्रों पर फर्नीचर की व्यवस्था मुहैया कराने का निर्देश दिया है।ताकि छात्र-छात्राएं सुकून से परीक्षा दे सकें। लेकिन मंडल मुख्यालय के इस निर्देश को लेकर अधिकारी बहुत अधिक गंभीर नहीं है। परीक्षा केंद्रों में फर्नीचर की अपर्याप्त व्यवस्था कुछ ऐसा ही बयां कर रही है।
बोर्ड परीक्षा के लिए निर्धारित केंद्रों का यह हाल है कि छात्रों को वहां बोर्ड की परीक्षाएं जमीन पर बैठकर देना पड़ सकता है।खासतौर पर उन बड़ी परीक्षाओं में जिनमें परीक्षार्थियों की संख्या अधिक होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि शिक्षा विभाग अभी तक छात्र-छात्राओं के बैठने के लिए फर्नीचर का पर्याप्त इंतजाम नहीं कर सके हैं।डीएमएफ से बजट उपलब्ध होने के बाद भी फर्नीचर की सुविधा से छात्र वंचित हैं।
इस बार भी अधिकांश छात्र-छात्राओं को जमीन पर बैठकर ही प्रश्नपत्र हल करना पड़ेगा। बतादें कि मार्च से बोर्ड परीक्षाएं शुरू होनी हैं। जिलेभर में 42 परीक्षा केन्दों पर 27 हजार 756 छात्र-छात्राएं परीक्षा देंगे। हैरान करने वाली बात यह कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अभी यह तक नहीं मालूम के जिले के कितने परीक्षा केंद्रों पर पर्याप्त फर्नीचर उपलब्ध नहीं हैं। जबकि विभाग के अधिकारी सभी परीक्षा केन्द्रों पर फर्नीचर की व्यवस्था पहले से उपलब्ध होना बता रहे है।
बताया गया है कि फर्नीचर की व्यवस्था उन परीक्षा केंद्रों पर है जहां स्कूलों में बच्चों को बैठने के लिए पहले से फर्नीचर उपलब्ध है। इसके अलावा अन्य परीक्षा केंद्रों के लिए टाट-पट्टियों का इंतजाम किया जाता है। नकल रोकने के लिए समुचित व्यवस्था किए जाने का दावा तो शिक्षा विभाग की ओर से किया जाता है लेकिन परीक्षार्थियों को सुविधाएं देने के नाम पर अफसर पीछे हट जाते हैं।
छात्रों को होगी परेशानी
परीक्षा के दौरान जमीन पर बैठकर प्रश्नपत्र हल करने में परीक्षार्थियों को परेशानी होगी।लेकिन शिक्षा विभाग को इससे कोई मतलब नहीं है। अधिकारियों की ओर से हर बार परीक्षा केंद्रों के निर्धारण को लेकर दिलचस्पी दिखाई जाती है लेकिन बच्चों को सुविधाएं देने के लिए अफसर जहमत नहीं उठाते हैं।
डीएमएफ से मिली थी राशि
बतादें कि जिले के स्कूलों में फर्नीचर के लिए डीएमएफ मद से 4.50 करोड़ से अधिक की राशि शिक्षा विभाग को मिली थी। इसके बावजूद जिले के कई स्कूलों में फर्र्नीचर की व्यवस्था नहीं हो पाई है। स्थिति यह है कि आने वाले बोर्ड परीक्षा के दौरान छात्रों को टेबल-कुर्सियां नसीब नहीं होगी। बल्कि उन्हें जमीन पर बैठकर परीक्षाएं देनी होगी। शिक्षा विभाग के अफसरों की यह भी एक बड़ी लापरवाही है।
दो साल बीते हालात वही
हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में ड्यूल डेस्क के लिए खनिज प्रतिष्ठान मद से बजट 2017 में जारी किया गया था। जारी हुए बजट में सख्त निर्र्देशित किया गया था कि 70 हाई व हायर सेकण्ड्री स्कूलों में ड्यूल डेस्क की व्यवस्था करें। दो साल बीत गए, लेकिन अफसरों की लापरवाही के चलते ग्रामीण अंचल के ज्यादातर स्कूलों में व्यवस्था नहीं की गई है।
फैक्ट फाइल:-
जिलेभर में कुल परीक्षा केन्द्र – 42
ड्यूल डेस्क के लिए डीएमएफ से मिली राशि – 4.82 करोड़
कुल परीक्षार्थियों की संख्या – 27756
हाई स्कूल में परीक्षार्थियों की संख्या – 18346
हायर सेकंडरी में परीक्षार्थियों की संख्या – 9410

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