कोयला मंत्रालय स्तर पर हुई कोल आवंटन की प्र्िरक्रया में बंधा कोल ब्लॉक इएमआइएल माइंस एंड मिनरल रिसोर्सेज लिमिटेड को आवंटित किया गया है। बंधा कोल ब्लॉक बंधा गांव के अलावा तेंदुहा, पिडऱवाह, देवरी व पचौर गांव में 775.01 हेक्टेयर में फैला है। इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा नोटिफिकेशन 14 जून को हुआ था। इसके बाद जमीन की खरीदारी को लेकर होड़ सी मच गई। बंधा में करीब 600 ग्राहकों द्वारा जमीन की रजिस्ट्री कराई गई है।
इसी प्रकार धिरौली कोल ब्लॉक मेसर्स स्ट्राटाटेक मिनरल्स रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किया गया है। धिरौली कोल ब्लॉक धिरौली गांव के अलावा आमाडॉड, अमरईखोह, बसी बेरदाह, बेलवार, झलरी, फाटपानी व सिरसवाह गांव में 549.97 हेक्टेयर में है। इन गांवों में भी 2 जून को नोटिफिकेशन के बाद से करीब 400 लोगों ने जमीन की रजिस्ट्री कराई है। कोल ब्लॉक लेने वाली कंपनियों से अधिक से अधिक मुआवजा मिले। इसके लिए जमीन की खरीदी के बाद अब लोगों द्वारा इन गांवों में युद्ध स्तर पर भवनों का निर्माण कराया जा रहा है।
दूसरे जिलों के लोग भी बन रहे निवासी
मुआवजा पाने की चाहत में यहां जिले के दूसरे विकासखंड के अलावा दूसरे जिलों के लोग भी जमीन खरीद कर आवास बनाते हुए यहां के रहवासी बन रहे हैं। जमीन खरीदने वालों में करीब 10 फीसदी लोग दूसरे जिलों के बताए जा रहे हैं। फिलहाल अभी केवल बंधा कोल ब्लॉक से संबंधित गांवों के रजिस्ट्री बंद की गई है। धिरौली में रजिस्ट्री की प्रक्रिया जारी है।
मुआवजा पाने की चाहत में यहां जिले के दूसरे विकासखंड के अलावा दूसरे जिलों के लोग भी जमीन खरीद कर आवास बनाते हुए यहां के रहवासी बन रहे हैं। जमीन खरीदने वालों में करीब 10 फीसदी लोग दूसरे जिलों के बताए जा रहे हैं। फिलहाल अभी केवल बंधा कोल ब्लॉक से संबंधित गांवों के रजिस्ट्री बंद की गई है। धिरौली में रजिस्ट्री की प्रक्रिया जारी है।
ज्यादातर खरीदार पहले से विस्थापित
बंधा व धिरौली में जमीन खरीद कर मकान बनाने वालों में ऐसे लोगों की संख्या काफी अधिक बताई जा रही है, जो पूर्व में दूसरे कोल ब्लॉक के विस्थापित हैं। उनकी ओर सेेे जमीन खरीदारी कर इन दोनों कोल ब्लॉक में भी मकान बनवाया जा रहा है, ताकि वह वहां भी विस्थापित बन कर मुआवजा लेने सहित दूसरे निर्धारित लाभ ले सकें।
बंधा व धिरौली में जमीन खरीद कर मकान बनाने वालों में ऐसे लोगों की संख्या काफी अधिक बताई जा रही है, जो पूर्व में दूसरे कोल ब्लॉक के विस्थापित हैं। उनकी ओर सेेे जमीन खरीदारी कर इन दोनों कोल ब्लॉक में भी मकान बनवाया जा रहा है, ताकि वह वहां भी विस्थापित बन कर मुआवजा लेने सहित दूसरे निर्धारित लाभ ले सकें।