scriptजान जोखिम में रखकर रोजी-रोटी कमाने को मजबूर व्यवसायी | Traders run shops in Singrauli with risk in a dilapidated building | Patrika News

जान जोखिम में रखकर रोजी-रोटी कमाने को मजबूर व्यवसायी

locationसिंगरौलीPublished: Sep 30, 2020 11:09:13 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

जर्जर हो चुके भवनों में संचालित हो रहे व्यापारिक प्रतिष्ठान …..

Traders run shops in Singrauli with risk in a dilapidated building

Traders run shops in Singrauli with risk in a dilapidated building

सिंगरौली. रोजी-रोटी के लिए जान जोखिम में डालकर बैठे हैं। दुकान का कौन सा हिस्सा कब गिर जाए कोई भरोसा नहीं। जर्जर दुकान के भीतर की मरम्मत तो खुद से करा ली है, लेकिन बाहर का हिस्सा अभी जर्जर अवस्था में ही है। अंबेडकर चौक के पास स्थित व्यावसायिक प्लाजा में रेडीमेड कपड़ा की दुकान चलाने वाले रंजन का कुछ ऐसा ही कहना है। रंजन सरीके करीब आधा सैकड़ा अन्य व्यवसाइयों की पीड़ा भी कुछ ऐसी ही है।
व्यावसायिक प्लाजा में लोगों ने बड़े ही उत्साह के साथ दुकान शुरू की, लेकिन सारा उत्साह अब ठंडा पड़ गया है। वजह चंद वर्षों में जर्जर हो चुकी प्लाजा की बिल्डिंग है। निर्माण के करीब 10 वर्षों में ही प्लाजा इस स्थिति में पहुंच चुका है, जहां दुकानदार बैठने में डरते हैं और ग्राहक वहां जाने में। प्लाजा का कौन से हिस्सा कब भरभरा कर गिर जाए, इस भय से वहां बहुत कम ही ग्राहक जाते हैं। नतीजा दुकानदारों का व्यवसाय लगभग चौपट हो गया है।
एक महीने तीसरी बार गिरा छज्जा
प्लाजा की जर्जर अवस्था का अंदाजा महज इस बात से लगाया जा सकता है कि एक महीने में तीसरी बार बिल्डिंग का छज्जा टूटकर गिरा है। बिल्डिंग के अलग-अलग स्थानों पर छत टूट कर गिरी है। गनीमत केवल इतनी रही कि इन तीनों घटनाओं में कोई हताहत नहीं हुआ है।
180 दुकान, संचालित केवल 52
व्यावसायिक प्लाजा के निर्माण से लेकर आवंटन तक में नगर निगम की ओर से इस कदर लापरवाही की गई कि वहां की 180 दुकानों में से केवल 52 दुकानों का प्रयोग हो रहा है। जर्जर भवन के डर से कोई भी व्यवसायी अब वहां की दुकानों में अपना कारोबार शुरू नहीं करना चाहता है।
नगर निगम के अधिकारी बने हैं उदासीन
प्लाजा की इस स्थिति को लेकर नगर निगम के अधिकारी उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। अधिकारियों की उदासीनता का कारण तो अधिकारी ही जाने, लेकिन हाल ही में व्यापारियों ने उनसे तीन बार प्लाजा की मरम्मत कराने की गुजारिश की है। व्यापारियों ने ज्ञापन भी सौंपा है लेकिन नतीजा सिफर रहा है।
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