घिनहागांव के पास परसाही चटनी टोला गांव में दूषित पानी पीने से आदिवासी लोग डायिरया की चपेट में हैं। जिससे आदिवासी महिला आरती सिंह पति उमेश सिंह की मौत हो गई। वहीं गांव में दोली सिंह, लक्ष्मण सिंह, तेजभान सिंह सहित दर्जनभर आदिवासी बच्चे बीमारी की चपेट में हैं। मौत की खबर सुनकर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के कान खड़े हो गए। टीम के साथ गांव में पहुंचकर बीमार लोगों का इलाज शुरू करा दिया है।
नाले का पानी पीने से हुए बीमार
बतादें कि घिनहागांव के पास परसाही चटनी टोला गांव में आदिवासी लोग नाले का पानी पी रहे हैं। वहां पेयजल के लिए प्रशासन व पीएचई विभाग की ओर से कोईइंतजाम नहीं किया गया है। मजबूरन आदिवासी नाले का पानी पीकर गुजारा कर रहे हैं। जिसका खामियाजा गांव की एक महिला सहित कईलोगों को भुगतना पड़ा है।
बतादें कि घिनहागांव के पास परसाही चटनी टोला गांव में आदिवासी लोग नाले का पानी पी रहे हैं। वहां पेयजल के लिए प्रशासन व पीएचई विभाग की ओर से कोईइंतजाम नहीं किया गया है। मजबूरन आदिवासी नाले का पानी पीकर गुजारा कर रहे हैं। जिसका खामियाजा गांव की एक महिला सहित कईलोगों को भुगतना पड़ा है।
खाट पर मरीज को पहुंचाते हैं अस्पताल
डॉ. अरूण शर्मा ने बताया है कि घिनहागांव के पास परसाही चटनी टोला गांव में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची लेकिन आदिवासी परिवार के घर तक जाने के लिए सडक़ नहीं है। जिससे गांव के लोगों को इलाज के लिए जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज भी स्थिति यह है कि बीमार हो जाने पर गांव के आदिवासी लोग खाट पर मरीज को अस्पताल पहुंचाते हैं।
डॉ. अरूण शर्मा ने बताया है कि घिनहागांव के पास परसाही चटनी टोला गांव में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची लेकिन आदिवासी परिवार के घर तक जाने के लिए सडक़ नहीं है। जिससे गांव के लोगों को इलाज के लिए जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज भी स्थिति यह है कि बीमार हो जाने पर गांव के आदिवासी लोग खाट पर मरीज को अस्पताल पहुंचाते हैं।
झोलाछाप से कराए इलाज
सुविधाओं को मोहताज घिनहागांव के पास परसाही चटनी टोला गांव में आदिवासी लोग बीमार होने पर गांव में झोलाछाप डाक्टर से इलाज कराए हैं। पैसे की लालच में झोलाछाप गंभीर बीमारी को ठीक करने के लिए बोलकर मरीज को गंभीर हालत में कर दिया। झोलाछाप पर कार्रवाई करने के लिए कलेक्टर ने सीएमएचओ को सख्त निर्देश दिया था लेकिन कलेक्टर का आदेश विभाग के अफसर नजरअंदाज कर दिए हैं।
सुविधाओं को मोहताज घिनहागांव के पास परसाही चटनी टोला गांव में आदिवासी लोग बीमार होने पर गांव में झोलाछाप डाक्टर से इलाज कराए हैं। पैसे की लालच में झोलाछाप गंभीर बीमारी को ठीक करने के लिए बोलकर मरीज को गंभीर हालत में कर दिया। झोलाछाप पर कार्रवाई करने के लिए कलेक्टर ने सीएमएचओ को सख्त निर्देश दिया था लेकिन कलेक्टर का आदेश विभाग के अफसर नजरअंदाज कर दिए हैं।