scriptडायरिया का कहर: नाले का दूषित पानी पीने से आदिवासी महिला की मौत, दर्जनभर बीमार | Tribal woman dies after drinking water from drain in Singrauli distric | Patrika News

डायरिया का कहर: नाले का दूषित पानी पीने से आदिवासी महिला की मौत, दर्जनभर बीमार

locationसिंगरौलीPublished: Oct 14, 2019 02:53:06 pm

Submitted by:

Amit Pandey

डाक्टरों के साथ मौके पर पहुंचे सीएमएचओ…..

Tribal woman dies after drinking water from drain in Singrauli distric

Tribal woman dies after drinking water from drain in Singrauli distric

सिंगरौली. एक ओर जहां शासन-प्रशासन की ओर से पेयजल के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। वहीं जिले में आज भी लोग नाले का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। देवसर दूरस्थ अंचल के गांवों में ताजा उदाहरण देखने को मिला है। घिनहागांव के पास परसाही चटनी टोला गांव में नाले का पानी पीने से जहां एक आदिवासी महिला की मौत हो गई। वहीं दर्जनभर से अधिक आदिवासी ग्रामीण डायरिया की चपेट में आ गए हैं। दूषित पानी पीने से मौत हो जाने के बाद स्वास्थ्य महकमें में हडक़ंप मच गया। अधिकारी आनन-फानन में मौके पर पहुंचकर जायजा लेते हुए बीमार लोगों का इलाज मुहैया कराया है। विभाग के अफसरों ने स्वीकार किया है कि नाले का दूषित पानी पीने से आदिवासी लोग बड़ी संख्या में बीमार हुए हैं और एक महिला की मौत हो गई।
घिनहागांव के पास परसाही चटनी टोला गांव में दूषित पानी पीने से आदिवासी लोग डायिरया की चपेट में हैं। जिससे आदिवासी महिला आरती सिंह पति उमेश सिंह की मौत हो गई। वहीं गांव में दोली सिंह, लक्ष्मण सिंह, तेजभान सिंह सहित दर्जनभर आदिवासी बच्चे बीमारी की चपेट में हैं। मौत की खबर सुनकर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के कान खड़े हो गए। टीम के साथ गांव में पहुंचकर बीमार लोगों का इलाज शुरू करा दिया है।
नाले का पानी पीने से हुए बीमार
बतादें कि घिनहागांव के पास परसाही चटनी टोला गांव में आदिवासी लोग नाले का पानी पी रहे हैं। वहां पेयजल के लिए प्रशासन व पीएचई विभाग की ओर से कोईइंतजाम नहीं किया गया है। मजबूरन आदिवासी नाले का पानी पीकर गुजारा कर रहे हैं। जिसका खामियाजा गांव की एक महिला सहित कईलोगों को भुगतना पड़ा है।
खाट पर मरीज को पहुंचाते हैं अस्पताल
डॉ. अरूण शर्मा ने बताया है कि घिनहागांव के पास परसाही चटनी टोला गांव में शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुंची लेकिन आदिवासी परिवार के घर तक जाने के लिए सडक़ नहीं है। जिससे गांव के लोगों को इलाज के लिए जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज भी स्थिति यह है कि बीमार हो जाने पर गांव के आदिवासी लोग खाट पर मरीज को अस्पताल पहुंचाते हैं।
झोलाछाप से कराए इलाज
सुविधाओं को मोहताज घिनहागांव के पास परसाही चटनी टोला गांव में आदिवासी लोग बीमार होने पर गांव में झोलाछाप डाक्टर से इलाज कराए हैं। पैसे की लालच में झोलाछाप गंभीर बीमारी को ठीक करने के लिए बोलकर मरीज को गंभीर हालत में कर दिया। झोलाछाप पर कार्रवाई करने के लिए कलेक्टर ने सीएमएचओ को सख्त निर्देश दिया था लेकिन कलेक्टर का आदेश विभाग के अफसर नजरअंदाज कर दिए हैं।

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