जहां नदी में रेसक्यू ऑपरेशन करते हुए अधेड़ महिला व मासूम की तलाश शुरू कर दिया। कुछ ही देर में महिला का शव बरामद हो गया लेकिन मासूम का शव ढूंढऩे में गोताखोरों को काफी मशक्कत करना पड़ा है। बताया गया है कि अधेड़ महिला व उसकी नातीन गोपद नदी में नहाने के लिए गई थी। जहां गहरे पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई।
जानकारी के मुताबिक बर्दी निवासी रामकली नाई(55)पति रामेश्वर नाई के घर उसकी बेटी आई थी। अपनी बेटी की दस वर्षय पुत्री दिव्या नाई को लेकर रामकली गोपद नदी में नहाने के लिए गई। नहाने के दौरान गहरे पानी में डूबने से रामकनली व मासूम दिव्या की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि नहाने के वक्त रामकली व दिव्या गहरे पानी में चली गई। पानी का भराव व अधिक गहरा होने के कारण दोनों पानी में डूब गए। जिससे दोनों की मौत हो गई।
स्थानीय ग्रामीणों ने घटना की जानकारी चितरंगी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस गोताखोरों की मदद से नदी में देानों की तलाश शुरू कर दिया। काफी मशक्कत के बाद पहले अधेड़ महिला का शव गोताखोरों ने बरामद किया। इसके बाद मासूम की लाश को ढूंढ़ निकाला। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है।
बर्दी गांव में पसरा सन्नाटा
हृदय विदारक इस घटना के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। अपने ननिहाल आई दिव्या नानी के साथ में नहाने गई थी। मासूम बच्ची की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बूरा हाल हो गया है। एक ही घर में दो लोगों की मौत हो जाने से परिजन बेहोशी हालत में हो गए हैं। वहीं मासूम बच्ची की मां उसके शव से लिपटकर रोने लगी।
हृदय विदारक इस घटना के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया। अपने ननिहाल आई दिव्या नानी के साथ में नहाने गई थी। मासूम बच्ची की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बूरा हाल हो गया है। एक ही घर में दो लोगों की मौत हो जाने से परिजन बेहोशी हालत में हो गए हैं। वहीं मासूम बच्ची की मां उसके शव से लिपटकर रोने लगी।
मगरमच्छों का बना था भय
सोन अभ्यारण्य होने की वजह से गोपद नदी के किनारे अधिक संख्या में मगरमच्छ होना बताए गए। हर रोज पानी से निकलकर नदी के किनारे आ जाते हैं जिस वजह से स्थानीय ग्रामीणों में मगरमच्छों की दहशत रहती है। अधेड़ महिला व मासूम के डूब जाने के बाद शव का तलाश करने के लिए नदी में मगरमच्छों के डर के चलते शव ढू्ंढऩे में परेशानियों का सामना करना पड़ा है। पुलिस व गोताखोर नदी में जाल डालकर बालिका के सुराग लगाने का घंटो तक प्रयास करते रहे। अंतत: गोताखोरों ने कड़ी मशक्कत के बाद बालिका का शव बरामद कर लिया। इसके बाद मौके पर कोहराम मच गया।
सोन अभ्यारण्य होने की वजह से गोपद नदी के किनारे अधिक संख्या में मगरमच्छ होना बताए गए। हर रोज पानी से निकलकर नदी के किनारे आ जाते हैं जिस वजह से स्थानीय ग्रामीणों में मगरमच्छों की दहशत रहती है। अधेड़ महिला व मासूम के डूब जाने के बाद शव का तलाश करने के लिए नदी में मगरमच्छों के डर के चलते शव ढू्ंढऩे में परेशानियों का सामना करना पड़ा है। पुलिस व गोताखोर नदी में जाल डालकर बालिका के सुराग लगाने का घंटो तक प्रयास करते रहे। अंतत: गोताखोरों ने कड़ी मशक्कत के बाद बालिका का शव बरामद कर लिया। इसके बाद मौके पर कोहराम मच गया।
गोताखोरों ने किया घंटो मशक्कत
गोपद नदी में पोती व नानी की हुई जल समाधि में शव को बरामद करने के लिए आखिरकार पुलिस ने गोताखोरों की मदद ली। जिसमें देवसर के बभनी गांव निवासी बच्छलाल केवट, झोखों निवासी लखपति केवट व खुरमुचा निवासी रामचन्द्र केवट ने मगरमच्छों के खतरे को भी नजरअंदाज कर अपनी जान जोखिम में डालते हुए घंटों कड़ी मशक्कत करते हुए नौ घंटे तक नदी में तलाश करते रहे। इसके बाद गोताखोरों को सफलता मिली।
गोपद नदी में पोती व नानी की हुई जल समाधि में शव को बरामद करने के लिए आखिरकार पुलिस ने गोताखोरों की मदद ली। जिसमें देवसर के बभनी गांव निवासी बच्छलाल केवट, झोखों निवासी लखपति केवट व खुरमुचा निवासी रामचन्द्र केवट ने मगरमच्छों के खतरे को भी नजरअंदाज कर अपनी जान जोखिम में डालते हुए घंटों कड़ी मशक्कत करते हुए नौ घंटे तक नदी में तलाश करते रहे। इसके बाद गोताखोरों को सफलता मिली।