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शासकीय महाविद्यालय में भिड़े दो छात्र संगठन, जानिए क्या बनी वजह

locationसिंगरौलीPublished: Sep 01, 2019 02:58:03 pm

Submitted by:

Amit Pandey

हुई गहमागहमी…….

Two student organizations clashed in government college in Singrauli

Two student organizations clashed in government college in Singrauli

सिंगरौली. शासकीय महाविद्यालय बैढऩ परिसर में सीट बढ़वाने का श्रेय लेने के होड़ में एनएसयूआइ और एबीवीपी के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। हाथापाई तक पहुंचा मामला मारपीट में तब्दील होती कि इससे पहले मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों की संगठनों के छात्रों को शांत कराया।
सीट बढऩे का जश्न मनाने समय शनिवार को शिक्षा मंत्री जिंदाबाद के नारे लगाना एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर भारी पड़ गया। महाविद्यालय गेट पर धरने पर बैठे एबीवीपी कार्यकर्ताओं को जिंदाबाद का यह नारा नागवार गुजरा और वह बात-बात में भिड़ गए। दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। कॉलेज परिसर में गहमागहमी का माहौल निर्मित हो गया। कोतवाली पुलिस टीम ने जद्दोजहद करते हुए मामले को शांत कराया। एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने मामले की एसपी से शिकायत की है।
दरअसल कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया की अंतिम तिथि ३१ अगस्त से बढ़ाकर १२ सितंबर तक कर दिया गया है। साथ ही २५ प्रतिशत सीटें भी बढ़ाई गई हैं। इस खुशी में एनएसयूआई के कार्र्यकर्ता कॉलेज परिसर में पहुंचकर शिक्षा मंत्री जिंदाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिया। दलील रही कि छात्रहित में उनके प्रयासों के तहत शिक्षामंत्री ने यह निर्णय लिया है। इधर धरने पर बैठे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता की दलील रही कि इसको लेकर वह शुरू न केवल मांग कर रहे हैं। बल्कि धरने पर भी बैठे हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश स्तर पर चल रहे उनके दबाव में यह निर्णय लिया है। दोनों पक्षों के बीच विवाद मूल यही कारण रहा है। छात्रों के बीच विवाद बड़ा न हो, इसके मद्देनजर शहर कोतवाल अरूण पाण्डेय दल-बल के साथ मौजूद रहे।
एसपी से शिकायत
इधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ताओं ने मामले की शिकायत एसपी से किया है। छात्रों ने एसपी को संबोधित ज्ञापन एएसपी प्रदीप शिंडे को सौंपा।शिकायती पत्र में छात्रों ने उल्लेख किया है कि एनएसयूआई कार्यकर्ताओं कॉलेज परिसर में बिना सूचना दिए नारेबाजी शुरू कर दी गई। साथ ही जिला सह संयोजक पूर्णिमा सिंह के साथ धक्का-मुक्की करते हुए बर्बरता पूर्वक व्यवहार किया है। इस मामले पर कार्रवाई नहीं की गई तो एबीवीपी के कार्यकर्ता आंदोलन करने को बाध्य होंगे। जिसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी।

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