जानकारी के मुताबिक गुरुवार की शाम डीजे की धुन पर थिरकते मूर्ति विसर्जन करने पहुंचे लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा था। वहीं मूर्ति विसर्जन के दौरान निगाही एमपीईबी कॉलोनी निवासी पवन सिंह पिता अवधराज सिंह व हृदयेश सिंह पिता केपी सिंह मयार नदी में डूब गए। जहां गहरे पानी में डूबने से पवन सिंह की मौत हो गई है। वहीं हृदयेश की तलाश गोताखोर नहीं कर पाए हैं। जिसकी तलाश शुक्रवार को जाएगी। मृतक के शव का पंचनामा कर पुलिस ने लाश को चीरघर में रखवा दिया है।
मातम में बदली खुशियां
उत्साहित होकर दोनों युवक निगाही से बिलौंजी अपने मित्र के घर पहुंचे थे। इसके बाद मयार नदी में मूर्ति विसर्जन करने गए। मूर्ति विसर्जन करने के बाद दोनों युवक नहाने लगे। जहां गहरे पानी में डूबने से पवन सिंह की मौत हो गई। वहीं हृदयेश डैम में लापता है। पवन की मौत की खबर सुनकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। बदहवास हालत में परिजन मौके पर पहुंचे, जिससे वहां का पूरा माहौल गमगीन हो गया।
मातम में बदली खुशियां
उत्साहित होकर दोनों युवक निगाही से बिलौंजी अपने मित्र के घर पहुंचे थे। इसके बाद मयार नदी में मूर्ति विसर्जन करने गए। मूर्ति विसर्जन करने के बाद दोनों युवक नहाने लगे। जहां गहरे पानी में डूबने से पवन सिंह की मौत हो गई। वहीं हृदयेश डैम में लापता है। पवन की मौत की खबर सुनकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है। बदहवास हालत में परिजन मौके पर पहुंचे, जिससे वहां का पूरा माहौल गमगीन हो गया।
घंटो मशक्कत करते रहे गोताखोर
बताया गया है कि मयार नदी में गोताखोर युवकों की तलाश करने के दौरान घंटों मशक्कत करते रहे। देर शाम होने के बाद पवन की लाश गोताखोरों ने बरामद कर लिया है। वहीं दूसरे युवक की तलाश करने के लिए मशक्कत करते रहे लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इस दौरान मौके पर भारी संख्या में भीड़ जुटी थी। कोतवल अरूण पाण्डेय दलबल के साथ मौके पर मौजूद रहे।
बताया गया है कि मयार नदी में गोताखोर युवकों की तलाश करने के दौरान घंटों मशक्कत करते रहे। देर शाम होने के बाद पवन की लाश गोताखोरों ने बरामद कर लिया है। वहीं दूसरे युवक की तलाश करने के लिए मशक्कत करते रहे लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी। इस दौरान मौके पर भारी संख्या में भीड़ जुटी थी। कोतवल अरूण पाण्डेय दलबल के साथ मौके पर मौजूद रहे।