उच्च शिक्षा विभाग की ओर से निर्धारित मानक के अनुरूप एक शैक्षणिक सत्र में न्यूनतम 180 दिवस कक्षाओं का संचालन होना चाहिए। निर्धारित पाठ्यक्रम के मद्देनजर 180 दिन की कक्षा संचालित करने के बाद ही परीक्षा लिए जाने का निर्देश है, लेकिन विभाग की ओर से तय परीक्षा तिथि और प्रवेश प्रक्रिया में बीते दिनों के चलते बचे अपर्याप्त दिवस के मद्देनजर नहीं जान पड़ता है कि कक्षा संचालन में निर्धारित मानकों की पूर्ति करना कॉलेज संचालकों की ओर से संभव हो पाएगा।
कम पड़ेगा पूरे एक महीने का समय
उच्च शिक्षा विभाग ने कक्षाएं शुरू करने की तारीख एक जुलाई तय की है। परीक्षा तिथि एक अप्रेल निर्धारित है। इस लिहाज से सभी तरह के अवकाश निकाल देने पर कक्षा संचालन के लिए 188 दिन का समय बचता है। स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के प्रवेश प्रक्रिया में बीते दिनों को निकाल दिया जाए तो कक्षा संचालन के लिए बचे दिवसों की संख्या 150 से भी कम हो जाती है। इस तरह से 180 दिवस की कक्षाएं पूरी करने के लिए प्राचार्यों को कम से कम एक महीने की अतिरिक्त कक्षाएं संचालित करनी होगी, जो टेढ़ीखीर है।
उच्च शिक्षा विभाग ने कक्षाएं शुरू करने की तारीख एक जुलाई तय की है। परीक्षा तिथि एक अप्रेल निर्धारित है। इस लिहाज से सभी तरह के अवकाश निकाल देने पर कक्षा संचालन के लिए 188 दिन का समय बचता है। स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के प्रवेश प्रक्रिया में बीते दिनों को निकाल दिया जाए तो कक्षा संचालन के लिए बचे दिवसों की संख्या 150 से भी कम हो जाती है। इस तरह से 180 दिवस की कक्षाएं पूरी करने के लिए प्राचार्यों को कम से कम एक महीने की अतिरिक्त कक्षाएं संचालित करनी होगी, जो टेढ़ीखीर है।
प्रवेश के चलते प्रभावित हुई हैं सभी कक्षाएं
कहने को प्रवेश प्रक्रिया के चलते केवल स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष की कक्षाएं ही प्रभावित हुई हैं, लेकिन हकीकत यही है कि जुलाईऔर अगस्त में प्रवेश प्रक्रिया जारी रहने के दौरान लगभग सभी वर्ष की कक्षाएं प्रभावित हुई हैं। क्योंकि कॉलेजों के ज्यादातर शैक्षणिक स्टॉफ प्रवेश प्रक्रिया में लगे रहे।उनकी ओर से कक्षा ले पाना सत्र के शुरुआती डेढ़ महीनों में संभव नहीं हो सका है। नतीजा प्रवेश प्रक्रिया के चलते सभी कक्षाएं प्रभावित हुई हैं। शुरुआती डेढ़ महीने में कक्षा संचालन की महज खानापूर्ति हो सकी है।
कहने को प्रवेश प्रक्रिया के चलते केवल स्नातक व स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष की कक्षाएं ही प्रभावित हुई हैं, लेकिन हकीकत यही है कि जुलाईऔर अगस्त में प्रवेश प्रक्रिया जारी रहने के दौरान लगभग सभी वर्ष की कक्षाएं प्रभावित हुई हैं। क्योंकि कॉलेजों के ज्यादातर शैक्षणिक स्टॉफ प्रवेश प्रक्रिया में लगे रहे।उनकी ओर से कक्षा ले पाना सत्र के शुरुआती डेढ़ महीनों में संभव नहीं हो सका है। नतीजा प्रवेश प्रक्रिया के चलते सभी कक्षाएं प्रभावित हुई हैं। शुरुआती डेढ़ महीने में कक्षा संचालन की महज खानापूर्ति हो सकी है।
वार्षिक परीक्षा प्रणाली में स्नातक पाठ्यक्रम
52 दिवस – रविवार का अवकाश
18 दिवस – सामान्य अवकाश
03 दिवस – स्थानीय अवकाश
04 दिवस – दीपावली अवकाश
15 दिवस -विभिन्न गतिविधियां
06 दिवस – परीक्षा पूर्व तैयारी
45 दिवस – परीक्षा आयोजित
35 दिवस – ग्रीष्म अवकाश
178 दिवस -कुल अशैक्षणिक दिन
188 दिवस – कुल शैक्षणिक कार्य
40 दिवस – प्रवेश प्रक्रिया में बीते
148 दिवस – शैक्षणिक कार्य के लिए बचे
180 दिवस – कक्षा संचालन का मानक
52 दिवस – रविवार का अवकाश
18 दिवस – सामान्य अवकाश
03 दिवस – स्थानीय अवकाश
04 दिवस – दीपावली अवकाश
15 दिवस -विभिन्न गतिविधियां
06 दिवस – परीक्षा पूर्व तैयारी
45 दिवस – परीक्षा आयोजित
35 दिवस – ग्रीष्म अवकाश
178 दिवस -कुल अशैक्षणिक दिन
188 दिवस – कुल शैक्षणिक कार्य
40 दिवस – प्रवेश प्रक्रिया में बीते
148 दिवस – शैक्षणिक कार्य के लिए बचे
180 दिवस – कक्षा संचालन का मानक