अब तक पुराने डंपरों को अपग्रेड करने के लिए उन्हें ओइएम के वर्कशॉप भेजा जाता था। पहली बार एनसीएल ने स्वयं अपनी केंद्रीय कर्मशाला में अपग्रेड करने का कार्य शुरू किया है। कंपनी ने शुरुआती दौर में 100 टन की क्षमता के दो डंपरों को अपग्रेड कर ब्लॉक बी परियोजना में उनकी तैनाती की है जो बेहतर तरीके से कार्य कर रहे हैं। जल्द ही तीन अन्य डंपर अपग्रेड होकर खदानों में कार्य शुरू कर देंगे।
अपग्रेडेशन के तहत पुराने डंपरों के मेन फ्रेम, ऑपरेटर केबिन, डंप बॉडी गाइड, हाइड्रॉलिक टैंक विस्कस माउंटिंग व पार्किंग ब्रेक में व्यापक बदलाव किए गए हैं। ताकि ऑपरेटरों को डंपर चलाने में अधिक से अधिक सहूलियत हो व सुरक्षा और कार्यक्षमता के लिहाज से डंपर और बेहतर तरीके से कार्य कर सकें।
एनसीएल सीएमडी पीके सिन्हा, निदेशक तकनीकी संचालन गुणाधर पांडेय, निदेशक तकनीकी परियोजना एवं योजना पीएम प्रसाद व निदेशक वित्त एवं कार्मिक एनएन ठाकुर ने इसको लेकर सीडब्ल्यूएस के महाप्रबंधक जेडी सिंह को बधाई दी है और उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में सीडब्ल्यूएस इसी तरह नई पहल के जरिए एनसीएल की भारी मशीनों मरम्मत व रख-रखाव हो सके।