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चिकित्सक के परामर्श पर लें दवा व आयुर्वेदिक औषधि, नहीं तो खराब हो जाएगी सेहत

locationसिंगरौलीPublished: May 12, 2021 10:03:53 am

Submitted by:

Ajeet shukla

सोशल मीडिया की सलाह पर अमल पड़ सकता है भारी ….

Use Ayurvedic medicine on doctor's consultation

Use Ayurvedic medicine on doctor’s consultation

सिंगरौली. कोरोना वायरस की दूसरी लहर से लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। नया स्ट्रेन ज्यादा आक्रामकता के साथ लोगों को अपना शिकार बना रहा है। कोरोना के गंभीर लक्षणों से बचने के लिए ज्यादातर लोग इम्युनिटी बूस्टर दवाओं व आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन के साथ घरेलू नुख्शों का प्रयोग कर रहे हैं।
शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया पर चल रहे सुझाव पर भी बिना डॉक्टरों से सलाह लिए अमल किया जा रहा है। ऐसे में यह सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। जिला प्रशासन की ओर से अपील की गई है कि बिना चिकित्सक के परामर्श को कोई भी दवा नहीं लें।
चिकित्सकों की माने तो अभी कोविड-19 के लिए जिस इलाज की सलाह डॉक्टर्स मरीजों को दे रहे हैं ।वह सिर्फ और सिर्फ रिकवरी होने तक स्थिति को कंट्रोल रखने और लक्षणों को रोकने के लिए है। कोरोना के हल्के लक्षण दिखने पर सेल्फ आइसोलेशन में जाने से भी जोखिम को कम किया जा सकता है।
बुजुर्ग या पहले से किसी बीमारी से ग्रसित व जिन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है। ऐसे लोगों को ही अस्पताल जाना चाहिए। दवाएं फायदा पहुंचाती हैं लेकिन अगर इन्हें गलत तरह से लिया जाए तो नुकसान भी उतना ही होता है। कई बार मरीज के दवा लेने के बाद भी उसमें सुधार नहीं दिखता। ऐसे में समय पर डॉक्टरी सलाह से दवाएं लें ताकि रोगी पर इसका बेहतर असर दिख सके।
बच्चों पर भी रखें खास नजर
शिशु रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना संक्रमण के लक्षण धीरे-धीरे शरीर के कई अंगों पर दिखने लगे हैं। ऐसी स्थिति में बच्चों पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। बच्चों के अस्वस्थ होने पर उसे नजरअंदाज करने की भूल नहीं करनी चाहिए। इस समय के लक्षण उन्हें कोरोना की चपेट में ला सकते हैं।
इसलिए ऐसी शिकायत आने पर बच्चे को तत्काल डॉक्टर को दिखाएं। अगर डॉक्टर कोरोना टेस्ट की सलाह दें तो बिना देरी किए जांच कराएं। बुखार और खांसी के लक्षण को सामान्य मानकर बच्चों की अन्य समस्याओं को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का करें सेवन
सेल्फ आइसोलेशन में डॉक्टर की सलाह पर मरीज बुखार या सिरदर्द से राहत पाने के लिए दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। हालांकि ये बात ध्यान में रखें कि दवाओं से बस कुछ लक्षणों में राहत पाई जा सकती है। लोगों को डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही डोज लेनी चाहिए। कोरोना में खांसी से राहत पाने के लिए आप डॉक्टर्स की सलाह पर खांसी की दवा ले सकते हैं।
इसके अलावा गले में खराश से राहत के लिए हल्के गर्म पानी से गरारा कर सकते हैं। कोरोना संक्रमण फैलने से बचने के लिए कुछ लोग बिना डॉक्टर्स की सलाह के आयुर्वेदिक या पारंपरिक दवाओं का भी इस्तेमाल करने लगते हैं। जबकि ऐसी किसी भी चीज के इस्तेमाल से पहले डॉक्टर से राय जरूर लें।
यह सावधानी बरतें
– एक दिन में कई बार काढ़ा पीना गर्मी में खतरनाक हो सकती है। चिकित्सक की सलाह पर एक दिन में एक या दो बार लिया जा सकता है।
– काढ़ा बनाने का तरीका भी सही होना चाहिए। काढ़ा में किसी भी तत्व की अधिकता या कमी नुकसान या बेअसर होने का कारण बन सकता है।
– भाप लेने के तरीके और कितनी बार लेना है, इसको लेकर भी चिकित्सक से परामर्श करें। प्रत्येक व्यक्ति व समस्या के लिए सलाह अलग है।
– सोशल मीडिया पर जारी सलाहों पर यूं ही गौर नहीं करें, सलाह सहित दी जाने वाली ज्यादातर जानकारी भ्रामक साबित हो रही हैं।
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