हाइवा के खंभे से टकराने के बाद ग्रामीण अंचल की सडक़ों पर हाइवा वाहनों की लंबी कतार लग गई। वहीं ग्रामीण काफी गुस्सा हो गए। ग्रामीणों ने पुलिस की संलिप्तता बताते हुए आरोप लगाया है कि दिखावे के लिए शहर में माजनमोड़ व गनियारी के पास नो एंट्री रखी गई है, लेकिन ग्रामीण अंचल की इस सडक़ पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती हैं लेकिन हकीकत यह कि नियमों को धता बताकर पुलिस अवैध रेत से भरे वाहनों को ग्रामीण सडक़ों के जरिए उन्हें बार्डर पार करा रही है। शनिवार को घटना के बाद हकीकत सामने आई। जहां ओरगांईं से अवैध रेत लेकर हाइवा शाहपुर होते हुए गहिलगढ़, ढोंटी क्रॉस कर रहा था। इस बीच एक हाइवा वाहन बिजली खंभा मेें टकरा गया। गनीमत यह रहा कि बड़ा हादसा होने से टल गया है। इसके बावजूद पुलिस सबक नहीं लेती है तो इससे बड़ी लापरवाही पुलिस की और कुछ नहीं हो सकती है।
पूरा जिम्मा उठाती है पुलिस
ग्रामीणों का गुस्सा देखा तो हाइवा चालक भयभीत हो गया। इसके बाद उसने उर्ती सरपंच मेघनाथ वैश्य व राजाराम कबाड़ी का हाइवा वाहन व रेत होना बताया। ये नामदार पुलिस की मिलीभगत से अवैध रेत कारोबार को बड़े पैमाने पर अंजाम दे रहे हैं। कमीशन के बलबूते इनका पूरा जिम्मा पुलिस पर रहता है। चाहे कहीं कितना बड़ा हादसे को अंजाम दें दें, उसका समाधान करना पुलिस का काम होता है। क्योंकि इस जिम्मेदारी के लिए पुलिस को मोटी रकम दी जाती है।
ग्रामीणों का गुस्सा देखा तो हाइवा चालक भयभीत हो गया। इसके बाद उसने उर्ती सरपंच मेघनाथ वैश्य व राजाराम कबाड़ी का हाइवा वाहन व रेत होना बताया। ये नामदार पुलिस की मिलीभगत से अवैध रेत कारोबार को बड़े पैमाने पर अंजाम दे रहे हैं। कमीशन के बलबूते इनका पूरा जिम्मा पुलिस पर रहता है। चाहे कहीं कितना बड़ा हादसे को अंजाम दें दें, उसका समाधान करना पुलिस का काम होता है। क्योंकि इस जिम्मेदारी के लिए पुलिस को मोटी रकम दी जाती है।
इन वाहनों को 24 घंटे की एंट्री
कहने को तो शहर में नो एंट्री लागू है। मगर, यह जिलाधिकारियों को दिखाने के लिए लागू है। हकीकत तो यह है कि अवैध रेत से भरे सैकड़ों हाइवा ट्रक ग्रामीण सडक़ों के आउटर इलाके से होकर चौबीस घंटे अवैध रेत का परिवहन कर रहे हैं। ओरगांईं व उर्ती से अवैध रेत लेकर शाहपुर, एनटीपीसी ऐस डैम होते हुए गहिलगढ़, ढोंटी से निकलकर मुख्य मार्ग में पहुंचते हैं। इसके बाद विंध्यनगर होते हुए तेलगवां बार्डर होते हुए यूपी में प्रवेश कर लेते हैं।
कहने को तो शहर में नो एंट्री लागू है। मगर, यह जिलाधिकारियों को दिखाने के लिए लागू है। हकीकत तो यह है कि अवैध रेत से भरे सैकड़ों हाइवा ट्रक ग्रामीण सडक़ों के आउटर इलाके से होकर चौबीस घंटे अवैध रेत का परिवहन कर रहे हैं। ओरगांईं व उर्ती से अवैध रेत लेकर शाहपुर, एनटीपीसी ऐस डैम होते हुए गहिलगढ़, ढोंटी से निकलकर मुख्य मार्ग में पहुंचते हैं। इसके बाद विंध्यनगर होते हुए तेलगवां बार्डर होते हुए यूपी में प्रवेश कर लेते हैं।
शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं
ढोंटी निवासी रमेश शाह, राधाकृष्ण नाई, प्रकाश नाई सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि सैकड़ों की संख्या में रेत लेकर ग्रामीण सडक़ों से निकल रहे हाइवा के संबंध में कई बार शिकायत की गई है लेकिन शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई। पिछले एक सप्ताह पहले हाइवा से एक मासूम बाल-बाल बच गया। नहीं तो बड़ी घटना हो जाती। यह सब पुलिस के संरक्षण में चल रहा है।
ढोंटी निवासी रमेश शाह, राधाकृष्ण नाई, प्रकाश नाई सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि सैकड़ों की संख्या में रेत लेकर ग्रामीण सडक़ों से निकल रहे हाइवा के संबंध में कई बार शिकायत की गई है लेकिन शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई। पिछले एक सप्ताह पहले हाइवा से एक मासूम बाल-बाल बच गया। नहीं तो बड़ी घटना हो जाती। यह सब पुलिस के संरक्षण में चल रहा है।