ओबी से तबाह होने की कगार पर ग्रामीण, जिम्मेदार बने उदासीन
बारिश बनी वजह .....

सिंगरौली. बारिश शुरू होने के बाद उन गांवों के ग्रामीण दहशत में हैं, जो ओबी यानी ओवर बर्डेन (खदान से निकाली गई मिट्टी) के पहाड़ के किनारे बसे हैं। ग्रामीणों को बारिश के चलते ओबी के पहाड़ों से बहने वाली मिट्टी से तबाही का भय सता रहा है। शुरुआती बारिश में बह चली मिट्टी उनकी चिंता का कारण है।
ऐसे में ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर स्थिति की पड़ताल की जानी चाहिए। ताकि ग्रामीण सुरक्षित रहें। कोल खदानों से निकाली गई मिट्टी के तैयार किए गए पहाड़ ऐसे गांवों के किनारे हैं, जहां बड़ी आबादी वाले कई घर हैं। बारिश के दौरान पहाड़ों से मिट्टी बहकर गांवों में घर के भीतर तक पहुंच जाती है।
पिछले वर्ष भी अमलोरी सहित कई गांवों के ग्रामीणों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा था। इस बार भी कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिल रही है। हालांकि अभी ओबी के गांवों में बहकर पहुंचने की घटना शुरुआती दौर में हैं, लेकिन बारिश तेज हुई समस्या बड़ी हो सकती है।
ग्रामीणों ने की सुरक्षा की मांग
समस्या से परेशान ग्रामीणों ने प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है। मांग है कि ओबी के पहाड़ों के किनारे सुरक्षा के प्रबंध किए जाएं। ताकि बारिश का पानी गांवों में न घुस पाए। बंदोबस्त तेजी से किया जाना चाहिए। क्योंकि देर हुई तो ग्रामीणों का भारी नुकसान हो जाएगा।
ओबी के दो पहाड़ों से है खतरा
ग्रामीणों को दुद्धिचुआ और अमलोरी में स्थित ओबी के पहाड़ों से खतरा है। इन पहाड़ों से बहने वाली मिट्टी अमलोरी, भकुआर, अंबेडकर नगर, खडिय़ा बस्ती व चिल्काडांड़ जैसी अन्य बस्तियों में पहुंच कर ग्रामीणों को नुकसान पहुंचा सकती है। गत वर्षों में भी इन्हीं गांवों में नुकसान हुआ था।
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