जानकारी के लिए बताते चलेंकि शहर के साथ-साथ ग्रामीण अंचल में पानी की स्थिती ऐसी भयावह रूप लेती जा रही है कि लोगों को पानी नसीब नहीं हो रहा है। अब शहर के साथ ही ग्रामीण अचंल भी बिन पानी सून होने लगा है। जिससे पेयजल के लिए लोग काफी परेशान हैं। जिले में ऐसे भी गांव हैं जहां गर्मी आते ही ग्रामीण जनता पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस जातेे हैं। उनकी इस समस्या पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है। चुनावों के समय बड़े वादे सिर्फ वादे बन कर ही रह जाते हैं। ग्रामीणों की समस्याओं पर जनप्रतिनिधियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। स्थिति यह है कि ग्रामीण कई वर्षों से पेयजल समस्या से जूझते आ रहे हैं। ग्रामीणों को पानी के लिए एक किमी पैदल जाकर पानी लाना पड़ता है।
पहाड़ी क्षेत्रों की समस्या गंभीर
गर्मी आते ही पहाड़ी क्षेत्र होने से पानी की समस्या गंभीर हो जाती है। जिसके कारण ग्रामीणों को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है। आदिवासी क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया गांव में पानी की समस्या के कारण मवेशियों को गांव से तीन किमी दूर तालाब पर पानी पिलाने ले जाना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों के सरपंच पानी की व्यवस्था करने के लिए पीएचई विभाग को कई बार कहा मगर, इंतजाम नहीं हो सका।
गर्मी आते ही पहाड़ी क्षेत्र होने से पानी की समस्या गंभीर हो जाती है। जिसके कारण ग्रामीणों को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है। आदिवासी क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया गांव में पानी की समस्या के कारण मवेशियों को गांव से तीन किमी दूर तालाब पर पानी पिलाने ले जाना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों के सरपंच पानी की व्यवस्था करने के लिए पीएचई विभाग को कई बार कहा मगर, इंतजाम नहीं हो सका।
पानी के लिए करते हैं मशक्कत
यहां पानी के लिए बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक काफी मशक्कत करते हैं। तब कहीं इन लोगो को पीने के लिए पानी मिलता है। भीषण गर्मी में इन पंचायतो में पानी के लिए हाय तौबा मची है। लेकिन इनका सुनने वाला कोई नहीं है। यहां कूएं व हैंडपंप पूरी तरह से सूख गए हैं। जिससे पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। शहर में तो टैंकर से पानी भेज रहे हैं लेकिन ग्रमाीण अंचल के लोगो को पानी कहां से मिले यह बात ग्रामीणों के गले नहीं उतर रही है।
यहां पानी के लिए बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक काफी मशक्कत करते हैं। तब कहीं इन लोगो को पीने के लिए पानी मिलता है। भीषण गर्मी में इन पंचायतो में पानी के लिए हाय तौबा मची है। लेकिन इनका सुनने वाला कोई नहीं है। यहां कूएं व हैंडपंप पूरी तरह से सूख गए हैं। जिससे पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। शहर में तो टैंकर से पानी भेज रहे हैं लेकिन ग्रमाीण अंचल के लोगो को पानी कहां से मिले यह बात ग्रामीणों के गले नहीं उतर रही है।
गांवों में यहां है पानी की समस्या:
सिंगरौली ब्लाक के लंघाडोल, बिंदुल, भुड़कुड़, चितरबइकला, सखौंहा, पडख़ुरी, अमिलवान, झलरी, खैराही। देवसर ब्लाक के बरगवां, ओडग़ड़ी, मझिगवां, सरई, गजराबहरा, बंधा, पेडऱवाह, तेंदुहा, जिगनहवा व चितरंगी ब्लाक के दर्जनभर से अधिक गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।
सिंगरौली ब्लाक के लंघाडोल, बिंदुल, भुड़कुड़, चितरबइकला, सखौंहा, पडख़ुरी, अमिलवान, झलरी, खैराही। देवसर ब्लाक के बरगवां, ओडग़ड़ी, मझिगवां, सरई, गजराबहरा, बंधा, पेडऱवाह, तेंदुहा, जिगनहवा व चितरंगी ब्लाक के दर्जनभर से अधिक गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है।