जानकारी के मुताबिक मनिहारी गांव निवासी कबीरदास वैश्य विगत दो साल पहले घर से लापता हुआ था। पुलिस गुमशुदगी दर्ज कर उसकी तलाश शुरू कर दी थी लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला। हैरत तो तब हो गई जब आरोपी रामायण वैश्य स्वयं बरगवां थाने पहुंचकर अपना जुर्म कबूल करते हुये पुलिस से हकीकत बयां करते हुये बताया कि कबीरदास की लाश को तालाब के पास हमने उसकी पत्नी की मदद से दफनाया था। लाश को दफनाये करीब दो साल बीत गये। आरोपी की इस बात को सुनकर बरगवां पुलिस दंग रह गई। आनन-फानन में जेसीबी लेकर मौके पर मनिहारी गांव में तालाब के पास पहुंची और लाश को कब्र से निकाला गया। इसके बाद पुलिस मर्ग कायम कर सैंपल जमा कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
बरगवां के मनिहारी गांव में बीते दो साल पहले 2016 में कबीरदास वैश्य अचानक घर से लापता हो गया। उसके लापता होने के बाद थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई गई। पुलिस गुमशुदगी दर्ज कर मामले की विवेचना में जुट गई थी। आश्चर्य की बात तो यह है कि कबीरदास की हत्या कर लाश दफनाने में उसकी पत्नी का हाथ रहा। यही वजह थी कि किसी को भनक तक नहीं लगी कि कबीरदास कहां है। आखिर अंत में यही हुआ, सच्चाई छिपी नहीं। उक्त मामले में हकीकत खुद सामने आ गई।
पुलिस के मुताबिक आरोपी रामायण वैश्य का प्रेम प्रसंग मृतक कबीरदास की पत्नी के साथ लंबे समय से चल रहा था। इस प्रेम प्रसंग के मामले में कबीरदास रोड़ा बन रहा था। दोनों के बीच दरार बन रहा कबीरदास को रास्ते से हटाने का मन बना लिया। वही हुआ जो प्रेमी और प्रेमिका चाह रहे थे। दोनों ने साजिश रची और आरोपी रामायण को घर में सांप घुसने के बहाने मृतक की पत्नी ने बुलाया। जहां दोनों मिलकर उसकी हत्या कर लाश को तालाब के किनारे दफना दिया।
बताया गया कि स्थानीय ग्रामीण जब यह पूछते थे कि कबीरदास कहां है तो कबीरदास की पत्नी का जबाव था कि वह मुबंई काम करने गया है। वहां से कभी आते नहीं है। जिस पर पत्नी ने कहा कि एक-दो दिन के लिए छुट्टी मिलती है जो शाम को आते थे और तड़के सुबह मुबंई के लिए ट्रेन पकड़ लेते थे। पत्नी की इस मनगढ़ंत कहानी से स्थानीय ग्रामीणों को संदेह हो रहा था, लेकिन ग्रामीणों ने इस मामले में गंभीरता नहीं दिखाई। यही वजह था कि दो साल तक उक्त मामले को किसी को भनक तक नहीं लगी।
नागेन्द्र सिंह, टीआई बरगवां
विनीत जैन, एसपी सिंगरौली