मजदूर वर्ग से पदोन्नत
कंपनी के अधिकारियों की मानें तो मजदूर के रूप में खदान में नियुक्ति पाने वाली इन महिलाओं की इच्छाशक्ति को देखते हुए उन्हें ड्रिलिंग का दायित्व सौंपा। कुछ वर्ष पहले महिलाओं को बेहतर मौका देने की योजना के तहत सौंपे गए ड्रिलिंग के कार्य को जब महिलाओं ने कुशलतापूर्वक संचालित किया तो कंपनी ने उन्हें मजदूर वर्ग से पदोन्नत कर ड्रिलिंग ऑपरेटर का पद दे दिया।
कंपनी के अधिकारियों की मानें तो मजदूर के रूप में खदान में नियुक्ति पाने वाली इन महिलाओं की इच्छाशक्ति को देखते हुए उन्हें ड्रिलिंग का दायित्व सौंपा। कुछ वर्ष पहले महिलाओं को बेहतर मौका देने की योजना के तहत सौंपे गए ड्रिलिंग के कार्य को जब महिलाओं ने कुशलतापूर्वक संचालित किया तो कंपनी ने उन्हें मजदूर वर्ग से पदोन्नत कर ड्रिलिंग ऑपरेटर का पद दे दिया।
बीना परियोजना से शुरुआत
यह शुरुआत कुछ वर्ष पहले कंपनी की बीना परियोजना से हुई। वहां मुन्नी और सुगमता ने भारी-भरकम ड्रिलिंग मशीन की कमान संभाली। उनके कार्य क्षमता और बुलंद हौसले ने निगाही परियोजना में कार्य कर रही अन्य दूसरी महिलाओं को भी प्रेरित किया। नतीजा यह रहा कि निगाही में आशा देवी, सोनमती, मखनीबाई, मनमति व सोमरिया देवी ने ड्रिलिंग मशीन के संचालन की जिम्मेदारी संभाल ली।
यह शुरुआत कुछ वर्ष पहले कंपनी की बीना परियोजना से हुई। वहां मुन्नी और सुगमता ने भारी-भरकम ड्रिलिंग मशीन की कमान संभाली। उनके कार्य क्षमता और बुलंद हौसले ने निगाही परियोजना में कार्य कर रही अन्य दूसरी महिलाओं को भी प्रेरित किया। नतीजा यह रहा कि निगाही में आशा देवी, सोनमती, मखनीबाई, मनमति व सोमरिया देवी ने ड्रिलिंग मशीन के संचालन की जिम्मेदारी संभाल ली।
कोयला तोडऩे की कठिन व पहली प्रक्रिया
महिलाओं के बुलंद हौसले को बयां करने के लिए यहां यह बताना जरूरी है कि ड्रिल मशीन चलाने वाला कोयला तोडऩे की सबसे पहली प्रक्रिया को पूरा करता है। खदान में भारी-भरकम चट्टान में सुराग करना उसकी जिम्मेदारी होती है। सुराग होने के बाद उसमें बारूद डाल कर चट्टान को तोड़ा जाता है। खदान में जितना मुश्किल ड्रिलिंग (सुराग करने) करना होता है, उससे कहीं मुश्किल अधिक भारी-भरकम ड्रिलिंग मशीन को संचालित करना है। दरअसल, चट्टान को तोडऩे के लिए उसमें २५ मीटर गहराई और १५० मिलीमीटर व्यास के २५ से ३० सुराग करने होते हैं।
महिलाओं के बुलंद हौसले को बयां करने के लिए यहां यह बताना जरूरी है कि ड्रिल मशीन चलाने वाला कोयला तोडऩे की सबसे पहली प्रक्रिया को पूरा करता है। खदान में भारी-भरकम चट्टान में सुराग करना उसकी जिम्मेदारी होती है। सुराग होने के बाद उसमें बारूद डाल कर चट्टान को तोड़ा जाता है। खदान में जितना मुश्किल ड्रिलिंग (सुराग करने) करना होता है, उससे कहीं मुश्किल अधिक भारी-भरकम ड्रिलिंग मशीन को संचालित करना है। दरअसल, चट्टान को तोडऩे के लिए उसमें २५ मीटर गहराई और १५० मिलीमीटर व्यास के २५ से ३० सुराग करने होते हैं।
पुरस्कृत कर चुका है सीआइएल
कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी सीरथ सिंह के मुताबिक ड्रिल मशीन संचालित कर रही इन महिलाओं को कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) की ओर से पुरस्कृत भी किया जा चुका है। ड्रिल ऑपरेटरों में शामिल सोनमती भारोत्तोलन खेल में भी रुचि रखती हैं और कई प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन भी किया है। सीआइएल ने इन महिलाओं को महिला सशक्तिकरण की मिशाल करार दिया है।
कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी सीरथ सिंह के मुताबिक ड्रिल मशीन संचालित कर रही इन महिलाओं को कोल इंडिया लिमिटेड (सीआइएल) की ओर से पुरस्कृत भी किया जा चुका है। ड्रिल ऑपरेटरों में शामिल सोनमती भारोत्तोलन खेल में भी रुचि रखती हैं और कई प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन भी किया है। सीआइएल ने इन महिलाओं को महिला सशक्तिकरण की मिशाल करार दिया है।