सब्जी बेच रही महिलाओं ने पुलिस पर बदसलूकी का आरोप लगाया है। महिलाओं का कहना है कि लॉकडाउन की जानकारी उन्हें है, लेकिन वह सब्जी बेचना बंद कर देंगी तो परिवार का पालन पोषण कैसे करेंगी। यही वजह है कि सुबह के कुछ घंटे गली-मोहल्लों में घूम कर सब्जी बेचते हैं और बची सब्जी सड़क के किनारे रख कर दूर घर में रहते हैं। कोई खरीददार आता है तो आकर दे देते हैं। विक्रेताओं का कहना है कि पुलिस के निर्देश पर वह दुकान हटा ही रही थी कि पुलिस वालों ने गली-गलौज देना शुरू कर दिया। इसी बात को लेकर जब कहासुनी हुई तो लाठी बरसाने लगी और फिर बात बिगड़ गई।
महिला विक्रेताओं की ओर से किए गए पथराव के चलते उस समय तो पुलिस भाग गई, लेकिन थोड़ी देर में तीन थानों की पुलिस के साथ अधिकारी वापस लौटे। हालांकि तब तक भीड़ तितर बितर हो चुकी थी। पुलिस ने घोषणा करते हुए सब्जी के साथ अन्य किसी भी तरह की दुकान नहीं खोलने की हिदायत दी। इसके साथ ही वहां एक दर्जन की संख्या जवानों को तैनात कर दिया गया। घटना के संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर का कहना है कि हिर्रवाह पुल के पास कुछ लोग सब्जी की दुकान लगा रखे थे, जिससे वहां भीड़ इक_ा हो रही थी। दुकान बंद कराने गई पुलिस के साथ ग्रामीण महिलाओं ने पथराव किया है। इस मामले में शामिल लोगों को चिह्नित किया जा रहा है। उन पर गाइडलाइन का उल्लंघन करने व शासकीय ड्यूटी में बाधा डालने के आरोप में प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
लॉकडाउन के दौरान किसान, व्यापारी व सब्जी विक्रेताओं के साथ पुलिस सहजता के साथ पेश आए। रीवा रेंज के आइजी द्वारा इस तरह की पुलिस को नसीहत दी गई है। इसके बावजूद जिले में महज ४ दिन के अंतराल में इस तरह का दूसरा मामला प्रकाश में आया है और पुलिस पर बदसलूकी करने का आरोप लगा है। फिलहाल पुलिस का कहना है कि कोरोना कफ्र्यू के मद्देनजर जारी गाइडलाइन का पालन कराने के लिए पुलिस को सख्त होना पड़ रहा है। केवल समझाइस देने से लोग नहीं मान रहे हैं।