ऊर्जाधानी के लिए वर्ष 2019 कई मायनों में बेहतर रहा। प्रदूषण की समस्या से आंशिक राहत मिली तो गरीबों को आवास भी मुहैया कराए गए। मुड़वानी डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से यहां की जनता को बड़ी सौगात मिली। इन सबके बीच जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना धरी की धरी रह गई। आइए जानते हैं जिले की खट्टी-मीठी यादें:
ऊर्जाधानी की सबसे बड़ी आवश्यकता पेयजल है। नगरीय क्षेत्र के हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंचे, इसको लेकर 2013 में योजना की शुरुआत हुई। जल प्रदाय योजना के तहत पेयजल की आपूर्ति 2018 में ही शुरू कर देनी थी लेकिन 2019 में भी यह सपना पूरा नहीं हो सका। मोरवा जोन में जल आपूर्ति शुरू हो गई है पर बैढऩ जोन में जलापूर्ति की कवायद अभी अधूरी है।
2019 में 10 हजार लोगों को छत नसीब हुई। ग्रामीण अंचल में इस वर्ष 8850 परिवार को और नगरीय क्षेत्र में 1200 से अधिक परिवार को खुद का पक्का मकान नसीब हुआ है।
मुड़वानी डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना भी साल 2019 की बड़ी उपलब्धियों में शामिल है। डैम को आठ करोड़ रुपए के बजट से पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा।
ऊर्जाधानी में बड़ी समस्या कोल परिवहन से होने वाले प्रदूषण की है। सड़क मार्ग से कोल परिवहन होने से आबोहवा प्रदूषित होती है। इस प्रदूषण को कम करने की कवायद पिछले कई वर्षों से चल रही, जिसमें 2019 में आंशिक राहत मिली। एनसीएल ने निगाही, अमलोरी व झिंगुरदा में वार्फवॉल का निर्माण कराया है।