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Year ender-2019: ऊर्जाधानी को प्रदूषण से मिली आंशिक राहत, आवास भी हुआ मुहैया

locationसिंगरौलीPublished: Dec 25, 2019 08:35:41 pm

Submitted by:

suresh mishra

ऊर्जाधानी के लिए वर्ष 2019 कई मायनों में बेहतर रहा। प्रदूषण की समस्या से आंशिक राहत मिली तो गरीबों को आवास भी मुहैया कराए गए।

Year ender-2019: Partial relief from pollution on urja rajdhani

Year ender-2019: Partial relief from pollution on urja rajdhani

सिंगरौली। वर्ष 2019 अलविदा कहने की दहलीज पर पहुंच चुका है। गुजरते वर्ष में विंध्य की जनता ने क्या पाया…, पीछे मुड़कर गुजरते साल की उपलब्धियों का आकलन किया तो 2019 विंध्यवासियों के लिए मिला-जुला रहा। आधा साल चुनावी हो हल्ले में गुजर गया। इस दौरान विकास की धीमी रफ्तार के बीच आधे-अधूरे सपनों पर जनता खुश होती नजर आई। यहां सियासत भी विकास में बाधा बनी रही। साल के अंतिम पड़ाव तक विंध्य के आसमां से विकास की धुंंध छट नहीं सकी। अब विंध्यवासियों को उम्मीद है कि नूतन वर्ष 2020 उनके लिए खुशियों की सौगात लेकर आएगा। जाते वर्ष में चल रहे विकास कार्य नए साल में परवान चढ़ेंगे और जनता की उम्मीद पूरी होगी।
वर्ष 2019 कई मायनों में बेहतर
ऊर्जाधानी के लिए वर्ष 2019 कई मायनों में बेहतर रहा। प्रदूषण की समस्या से आंशिक राहत मिली तो गरीबों को आवास भी मुहैया कराए गए। मुड़वानी डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने से यहां की जनता को बड़ी सौगात मिली। इन सबके बीच जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना धरी की धरी रह गई। आइए जानते हैं जिले की खट्टी-मीठी यादें:
अधूरी रह गई पेयजल की बड़ी योजना
ऊर्जाधानी की सबसे बड़ी आवश्यकता पेयजल है। नगरीय क्षेत्र के हर घर में शुद्ध पेयजल पहुंचे, इसको लेकर 2013 में योजना की शुरुआत हुई। जल प्रदाय योजना के तहत पेयजल की आपूर्ति 2018 में ही शुरू कर देनी थी लेकिन 2019 में भी यह सपना पूरा नहीं हो सका। मोरवा जोन में जल आपूर्ति शुरू हो गई है पर बैढऩ जोन में जलापूर्ति की कवायद अभी अधूरी है।
10 हजार परिवार को मिली छत
2019 में 10 हजार लोगों को छत नसीब हुई। ग्रामीण अंचल में इस वर्ष 8850 परिवार को और नगरीय क्षेत्र में 1200 से अधिक परिवार को खुद का पक्का मकान नसीब हुआ है।
पर्यटन स्थल बना मुड़वानी डैम
मुड़वानी डैम को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना भी साल 2019 की बड़ी उपलब्धियों में शामिल है। डैम को आठ करोड़ रुपए के बजट से पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा।
सड़क मार्ग से कोल परिवहन
ऊर्जाधानी में बड़ी समस्या कोल परिवहन से होने वाले प्रदूषण की है। सड़क मार्ग से कोल परिवहन होने से आबोहवा प्रदूषित होती है। इस प्रदूषण को कम करने की कवायद पिछले कई वर्षों से चल रही, जिसमें 2019 में आंशिक राहत मिली। एनसीएल ने निगाही, अमलोरी व झिंगुरदा में वार्फवॉल का निर्माण कराया है।
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