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मकान बेचकर बुढ़ापे के लिए सोसायटी में जमा करवाए 10 लाख रुपए

locationसिरोहीPublished: Sep 14, 2019 11:01:08 am

Submitted by:

mahesh parbat

सपनों का कत्ल :
 

sirohi

10 lakh rupees by selling house and depositing it in the society for old age

सिरोही. क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी ने जिले के भोले-भाले ग्रामीणों को पांच साल में रकम दोगुना और ज्यादा ब्याज मिलने का सब्ज-बाग दिखाकर करोड़ों की जमा पूंजी तो ले ली लेकिन अब निवेशकों का रो-रो कर बुरा हाल है। ऐसे ही एक निवेशक हैं ऐसाऊ निवासी 70 वर्षीय अदाराम रावल पुत्र ओटाराम रावल। बकौल रावल, ‘मैंने मकान बेचकर सोसायटी में 10 लाख रुपए जमा किए थे, सोचा बुढ़ापे में काम आएंगे। लेकिन सोसायटी वाले अब जवाब ही नहीं दे रहे।Ó
अदाराम बताते हैं, जिंदगी भर मेहनत कर पाई-पाई एकत्र की थी। इसके अलावा सरूपगंज का एक मकान बेचने से भी अच्छा-खासा पैसा मिला था। सभी मिलाकर 10 लाख रुपए एकत्र हुए। फिर इस राशि को आदर्श को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसायटी में जमा करवाया। लेकिन परिपक्वता अवधि पूरी होने के एक साल बाद भी रुपए नहीं मिले हैं। पैसों के लिए कई बार शाखा में गया, लेकिन कर्मचारी लगातार टालमटोल करते रहे। सही तरीके से कोई जवाब तक नहीं दे रहा। उन्होंने बताया कि दो बेटे हैं लेकिन बेरोजगार हैं। उन्?हें मलाल है कि जब रकम हाथ में थी तब उनके लिए कोई धंधा खोल दिया होता तो दोनों बेरोजगार नहीं होते। पैसे नहीं होने तथा घर की माली हालात दयनीय होने के कारण बहू भी छोटे-छोटे बच्चों को छोड़कर चली गई। बारिश के मौसम में घर की छत भी टूट गई थी, ऐसे में छत पर पलास्टिक बांध कर पानी से बचाव किया है।
छोटा बेटा अब नहीं आ रहा
अदाराम के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा देसावर कमाने चला गया। छोटे बेटे की भी कमाई नहीं होने से वह भी बीवी-बच्चों को अदाराम के पास छोड़कर बाहर चला गया है। ऐसे में बुढ़ापे में अदाराम को तीन-चार जनों का पालन पोषण करना भी कठिन हो रहा है।
184 निवेशकों के 8.22 करोड़
जेके प्लांट निवासी प्रदीप पालीवाल ने बताया कि उसके पास 184 निवेशकों की सूची व दस्तावेज हैं, जिन्होंने 8 करोड़ 22 लाख रुपए जमा करवाए। इन सभी को पैसे दिलाने के लिए आदर्श सोसायटी पीडि़त संघर्ष समिति के बैनर तले प्रधानमंत्री, जिला कलक्टर एवं विधायक संयम लोढ़ा को ज्ञापन भी दिया। उन्होंने बताया कि उसकी पत्नी सुमन ने भी ढाई लाख रुपए जमा करवाए थे, ताकि आने वाले समय में मकान बनवा लेंगे, लेकिन मकान अब सपना ही बनकर रह गया। इसी प्रकार चंपा शर्मा ने भी बेटों के लिए मकान बनाने की खातिर साढ़े तीन लाख रुपए जमा करवाए थे। जब से सोसायटी में घोटाले की जानकारी मिली है, बहुत बड़ा झटका लगा है। पूरा परिवार सदमे में है। समझ नहीं आ रहा कि क्या करें, किससे गुहार लगाएं?
चक्कर लगाते थक गए
मणीदेवी माली ने आदर्श सोसायटी में 9 लाख 57 हजार जमा करवाए थे, लेकिन अब ध्यान नहीं दे रहे हैं। सोसायटी कार्यालय में चक्कर लगाते थक गए हैं। बुढ़ापे में सहारे के लिए पैसे जमा करवाए थे, वो वापस आएंगे या नहीं इसकी चिंता लगी रहती है।

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