निर्माण में अनियमितता का लगाया आरोप
पार्षद रितेशसिंह चौहान की ओर से रेलवे उच्चाधिकारियों को भेजे गए ज्ञापन में बताया गया कि रेलवे स्टेशन पर करीब 2 वर्ष पूर्व फुटओवरब्रिज का निर्माण किया गया था, जिसके एक हिस्से को रेलवे स्टेशन के एक तरफ रेलवे कॉलोनी में व दूसरे हिस्से को दूसरी ओर नई पार्किंग एरिया में उतारा जाना था। सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त सूचना में रेलवे विभाग की ओर से स्वीकृत इंजीनियरिंग ड्रॉइंग के तहत एक हिस्से को पीडब्ल्यूआई कार्यालय से होते हुए पार्किंग में उतारना दर्शाया गया है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से एक निजी संस्था को लाभ पहुंचाने के कारण स्वीकृत ड्राइंग के बाद भी ब्रिज के इस हिस्से को पार्किंग में नहीं उतारा गया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के शिकायत करने पर उपखंड अधिकारी के मौके पर पहुंचने पर रेलवे अधिकारियों से इसका कारण पूछने पर बताया गया कि ड्राइंग को स्वीकृति के लिए भेजे जाने की जानकारी दी गई थी, जबकि पूरे फुटओवर ब्रिज की इंजीनियरिंग ड्रॉइंग वर्ष-2018 में ही स्वीकृत की जा चुकी थी। पार्षद ने पूरे मामले की जांच करवाने व कार्रवाई की मांग की है।