ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. कौशल ओहरी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिना किसी डिग्री के क्लिनिक का संचालन कर मरीजों का उपचार करने की शिकायतें मिल रही थी। जिस पर सोमवार की दोपहर करीब पौने एक बजे उपखंड अधिकारी चौधरी के नेतृत्व में बीसीएमओ डॉ. ओहरी, जिला आयुष अधिकारी पुष्पा सोलंकी, पालड़ी एम. अस्पताल के प्रभारी डॉ. विकास ने पालड़ी एम. पुलिस के साथ उथमण गांव में शीतला माता वास में मूल रूप से बंगाल के नदिया जिले का निवासी संजय बख्शी के यहां दबीश दी। वह वहां मरीजों का उपचार करते पाया गया। दल ने जब उससे चिकित्सकीय कार्य करने के लिए उसकी डिग्री मांगी तो वह अधिकारियों को दिखा नहीं पाया। दल को उसके क्लिनिक में ही भारी संख्या में एलोपैथिक दवाइयां भी मिली। जिसमें अधिकांश दर्द निवारक, कफ सिरप, एंटीबायोटिक, स्टोराइड आदि दवाइयां शामिल हैं। ये दवाइयां इस व्यक्ति की ओर से बिना किसी अनुज्ञा पत्र के बेची जा रही थी। जिस पर आयुष अधिकारी एवं चिकित्सा विभाग ने इन दवाइयों को जब्त कर लिया। उपखंड अधिकारी चौधरी ने बताया कि संजय बख्शी के पिता एवं परिवार वर्तमान में पाली जिले के दूदनी गांव में निवासरत हैं। चिकित्सा एवं आयुष विभाग ने वहां मौके की कार्रवाई करने के बाद दवाइयां जब्त कर उसे पालड़ी एम. थाने में सुपुर्द कर संजय के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है।
गौरतलब है कि उपखंड क्षेत्र में वर्तमान में करीब 30 से अधिक फर्जी चिकित्सक अवैध रूप से इस प्रकार के क्लिनिक का संचालन कर ग्रामीणों का उपचार करने के नाम पर भारी रकम वसूल रहे हैं। पूर्व में भी इन झोला छाप चिकित्सकों की ओर से गलत उपचार करने की वजह से उथमण गांव में दो बच्चों की मौत हो गई थी। ये लोग अपने क्लिनिक पर भारी संख्या में स्टॉराइड भी रखते हैं, जिसका उपयोग एक अनुभवी चिकित्सक की सलाह पर ही किया जा सकता है। मगर ये चिकित्सक मरीजों को भारी मात्रा में स्टॉराइड बेच रहे हैं। सोमवार को चिकित्सा एवं आयुष विभाग की इस संयुक्त कार्रवाई से क्षेत्र में कार्यरत झोलाछाप चिकित्सकों में हड़कम्प मच गया है। इनमें से कई फर्जी चिकित्सक तो दबीश की जानकारी मिलते ही अपने क्लिनिक पर ताला लगाकर भाग चुके हैं।