लगातार दूसरे साल किसानों को दिया जोर का झटका
सिरोही जिले की गुजरात सीमा से सटी मंडार उप तहसील में जल स्तर ऊंचा होने से मंडार व आसपास के अधिकतर काश्तकार गर्मियों में खरबूजे व तरबूजे की खेती करते हैं। हर साल अच्छी-खासी कमाई करते हैं, पर पिछले साल जब से कोरोना ने दस्तक दी, तबसे उनकी कमाई पर ग्रहण लग गया। लगातार दो साल से इसकी खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है। किसानों ने बताया कि पिछले साल भी लॉकडाउन लगने से सारा माल खराब हो गया था और इस बार भी खरीदार नहीं मिलने से माल खराब हो रहा है। यह किसानों के लिए बड़ा झटका है।
पिछले कई साल से खरबूजे व तरबूजे की खेती कर रहा हूं, पर इस बार हालत खराब कर दी। फसल तैयार होते ही लॉकडाउन लग गया। माल की खपत नहीं होने से तीन से चार लाख रुपए का नुकसान हो गया।
कालूराम घांची, मंडार।
इस बार चालीस से पैतालीस बीघा में खरबूजे व तरबूजे की खेती की थी। लॉकडाउन के कारण माल बाहर नहीं जाने से तीन से चार लाख रुपए का नुकसान हो गया। इस बार भाव नहीं होने से चार से पांच रुपए किलो मंडियों में बिक रहा है।
मुकेश कुमार माली, मंडार।
दरअसल लॉकडाउन में लोगों की आवाजाही ही रूक जाने से माल नहीं बिक रहा। लोगों की मांग के बिना खरबूजा-तरबूजा कैसे बिकेगा। दाम भी सही नहीं मिल रहे। सारा माल खराब हो रहा है।
बलवंतराम माली, मंडी व्यापारी, मंडार।
इस बार पंद्रह बीघा में खेती की, पर लॉकडाउन में भाव नहीं मिलने से काफी नुकसान हो गया। दो से तीन लाख का नुकसान हो गया। पिछले साल भी यही हालत थी।
रावताराम प्रजापति, मंडार।