दोपहर के वक्त चमगादड़ों की उड़ान
दोपहर के समय राजभवन व सर्वे ऑफ इंडिया के ऊपर आसमान में चमगादड़ों का झुंड उड़ता दिखाई दिया। देखते ही देखते शहर में यह खबर जंगल में आग की तरह फैल गई। लोग सडक़ों, बाजारों व आवासीय भवनों की छतों पर एकत्रित होकर आसमान में उड़ते चमगादड़ों को देखकर चर्चा में मशगूल रहे।
भविष्य का संदेश देते हैं चमगादड
जानकारों के अनुसार चमगादड़ अपने आप में एक अत्यंत संवदेनशील प्राणी है। जो आने वाले भविष्य में भूकंप, किसी अतिवृष्टि, तूफान समेत अन्य किसी प्रकार के प्राकृतिक व मानवनिर्मित आपदा आने की संभावना को भांपते हुए स्वयं के लिए सुरक्षित स्थान ढंूढने की कवायद में इस तरह की गतिविधियों में संलग्र होती हैं।
इनका कहना है
&दोपहर के समय धूप खिलने के बावजूद माउंट आबू में चमगादड़ों के भारी संख्या में उड़ान भरने से भविष्य के प्रति चिंता होने लगी है। जो किसी प्रकार की अनहोनी अथवा कोई प्राकृतिक आपदा हो सकती है। – बाबूसिंह परमार, माउंट आबू
-भारी संख्या में चमगादड़ों का दिन में अचानक उड़ान भरना अपने आप में किसी आश्चर्य से कम नहीं है। इससे निकट भविष्य में होने वाली किसी प्राकृतिक आपदा का संकेत मिलता है। कोई प्राकृतिक आपदा आने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। – रामसिंह बुजुर्ग, सालगांव, माउंट आबू।
-दिन के समय भारी संख्या में चमगादडों का झुंड में उडऩा कोई खतरे का संकेत हो सकता है। चमगादड़ों का कभी गोलाई में, कई छितराई अवस्था में, कभी राजभवन स्थित पेड़ों पर एक साथ बैठकर फिर उडऩे का क्रम अपराह्न तक जारी रहा। जो लोगों के लिए चिंतामिश्रित आश्चर्य का विषय बना हुआ है। – विजयसिंह, ओरिया, माउंट आबू
-दिन में चमगादड़ों के उडऩे के दो प्रमुख कारण हो सकते हैं। या तो उन्हें किसी की ओर से डिस्टर्ब किया गया हो या फिर भोजन की तलाश में उड़े हों। हालंाकि शोर-शराबा, साउंड आदि तो उन्हें सुनाई देता है, पर उन्हें दिन में दिखाई नहीं देता। अक्सर रात के समय ही चमगादड़ों का मूवमेन्ट रहता है। – विजय शंकर पांडेय, डीएफओ, माउंट आबू