अस्पताल आकराभट्टा में हुआ शिफ्ट, लेकिन मोर्चरी नहीं
बस स्टैंड के पास पुराने सीएचसी भवन से आबूरोड सीएचसी आकराभट्टा में शिफ्ट कर दी गई थी, लेकिन नए भवन के लिए मोर्चरी की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में चिकित्सकों को पोस्टमार्टम करने के लिए तीन किलोमीटर दूर आवाजाही करनी पड़ती है। ऐसे में अस्पताल कामकाज भी प्रभावित होता है, लेकिन अब तक नए भवन में मोर्चरी नहीं बनाई गई है।
बस स्टैंड के पास पुराने सीएचसी भवन से आबूरोड सीएचसी आकराभट्टा में शिफ्ट कर दी गई थी, लेकिन नए भवन के लिए मोर्चरी की सुविधा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में चिकित्सकों को पोस्टमार्टम करने के लिए तीन किलोमीटर दूर आवाजाही करनी पड़ती है। ऐसे में अस्पताल कामकाज भी प्रभावित होता है, लेकिन अब तक नए भवन में मोर्चरी नहीं बनाई गई है।
मोर्चरी के पास बने पालिका के डम्पिंग पोस्ट से परेशानी
नगरपालिका की ओर से शहर भर का कचरा मोर्चरी के पास ही संग्रहण किया जाता है। वर्तमान में पालिका के पास डम्पिंग यार्ड नहीं होने से कचरे का निस्तारण नदी के आसपास ही हो रहा है। कई बार म्मोर्चरी के पास लगे कचरे के ढेर में आग लगने की घटनाएं हो जाती है। ऐसे में धुएं के कारण दम घुटने की स्थिति हो जाती है।
इन्होंने बताया ...
आबूरोड मोर्चरी की हालत दयनीय है। गंदगी व दुर्गंध की वजह से यहां परिजनों का पोस्टमार्टम तक रूक पाना भी मुश्किल हो जाता है। मोर्चरी की हालत सुधारने के लिए विभाग के उच्चाधिकारियों से मांग की जाएगी।
- लीलाराम गरासिया, प्रधान, पंचायत समिति आबूरोड
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आबूरोड सीएचसी भवन के लिए मोर्चरी व चारदीवारी को लेकर यूआईटी ने पूर्व में प्रस्ताव लिया था। अब तक यूआईटी से निर्माण को लेकर कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। यूआईटी के अधिकारी ही इस सम्बंध में अधिक जानकारी दे सकते हैं।
- डॉ. पीएन गुप्ता, प्रभारी, सीएचसी आबूरोड
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मोर्चरी की स्थिति जानकारी में है। आबूरोड सीएचसी में चारदीवारी व मोर्चरी निर्माण को लेकर यूआईटी से प्रस्ताव लिया गया था। अभी ये प्रक्रिया जारी है। शीघ्र कार्य करवाया जाएगा।
- कनिष्ठ कटारिया, सचिव, यूआईटी आबू
