scriptदुकानदार को भारी पड़ गए 3 रुपए ज्यादा लेना, अब देना होगा 10 हजार जुर्माना | Nagaur : Shopkeeper gets 3 rupees more, 10 thousand fines | Patrika News

दुकानदार को भारी पड़ गए 3 रुपए ज्यादा लेना, अब देना होगा 10 हजार जुर्माना

locationनागौरPublished: Apr 10, 2018 04:59:33 pm

Submitted by:

shyam choudhary

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच ने सुनाया फैसला

Nagaur : Shopkeeper gets 3 rupees more, 10 thousand fines

District Consumer Forum’s Decision

नागौर. जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष मंच नागौर ने शुक्रवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए मच्छर मारने की दवा के ३ रुपए ज्यादा लेने वाले दुकानदार पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाते हुए उपभोक्ता से ली गई अधिक राशि लौटाने के आदेश दिए हैं। प्रकरण के अनुसार चेनार स्थित जगावता बास निवासी पंकज कुमार माली ने उपभोक्ता मंच के समक्ष परिवाद दायर कर बताया कि उसने डीडवाना रोड स्थित आधार सुपर मार्केट की अधिकृत प्रतिनिधि भंवरीदेवी एन्कलेव के विज्ञापन से प्रभावित होकर उसके प्रतिष्ठान से ऑल आउट लिक्विड का उत्पाद खरीदा, जिसका बिल भी उसे दिया गया।
परिवादी ने बताया गया कि अप्रार्थी भंवरी देवी एन्कलेव ने समाचार पत्र में विज्ञापन प्रकाशित करवाया, जिसमें नवरात्र की शुभकामनाएं देते हुए सभी उत्पादों पर 5 से 10 प्रतिशत तक की छूट व 1100 रुपए या उससे अधिक की खरीद पर फ्री होम डिलीवरी का ऑफर दिया। विज्ञापन से प्रेरित होकर वह अप्रार्थी के प्रतिष्ठान पर गया तथा जानकारी ली तो उसे बताया गया कि उत्पाद की पैकिंग पर प्रिंट राशि में 5 से 10 प्रतिशत की छूट देकर माल विक्रय किया जाता है। इस पर परिवादी ने मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए अप्रार्थी के प्रतिष्ठान से ऑल आउट लिक्विड का उत्पाद खरीदा।
अप्रार्थी ने उत्पाद की कीमत 66 रुपए बताकर उसमें से 5 प्रतिशत कम करते हुए 62 रुपए में उसे उत्पाद दिया तथा इसके बदले उसे बिल भी दिया गया। परिवादी वह उत्पाद एवं बिल को लेकर घर चला गया, लेकिन घर जाकर उत्पाद को उपयोग करने से पहले देखा तो उस पर प्रिंट रेट 63 रुपए ही दर्ज थी। ऐसी स्थिति में अप्रार्थी को 63 रुपए प्रिंट रेट में से 5 प्रतिशत की छूट देकर उक्त उत्पाद परिवादी को विक्रय करना चाहिए था, लेकिन अप्रार्थी ने ऐसा नहीं किया। इसके बाद परिवादी 26 सितम्बर 2017 को अपने मित्र व रिश्तेदार को साथ लेकर प्रतिष्ठान पर गया तथा इसकी शिकायत की तो अप्रार्थी ने गलती स्वीकार करते हुए एक दो दिन बाद आने का कहा। इसके बाद परिवादी लगातार अप्रार्थी के प्रतिष्ठान के चक्कर काटता रहा, लेकिन अप्रार्थी ने कोई सुनवाई नहीं की तथा अभद्र व्यवहार करते हुए यहां तक कह दिया कि प्रिंट रेट कुछ भी हो हम हमारी मर्जी से राशि प्राप्त करेंगे, दुकान हमारी है। ऐसा कहते हुए उसने अधिक वसूली गई राशि देने से साफ मना कर दिया।
अप्रार्थी तामिल व सूचना के बावजूद उपस्थित नहीं हुआ और न ही अप्रार्थी की तरफ से कोई जवाब प्रस्तुत किया गया। उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष ईश्वर जयपाल एवं सदस्य बलवीर खुड़खुडि़या व राजलक्ष्मी आचार्य ने अप्रार्थी को सेवा का दोषी मानते हुए आदेश दिए कि अप्रार्थी, परिवादी को अधिक वसूली गई राशि ३ रुपए प्रदान करे। साथ ही मानसिक परेशानी के ५ हजार व परिवाद व्यय के ५ हजार रुपए अदा करने के आदेश दिए।

ट्रेंडिंग वीडियो