सिरोही

डूंगरपुर : दिव्यांग कारीलाल कर रहा वृद्ध माता-पिता की देखभाल

डूंगरपुर जिले के ग्राम पंचायत बलवाड़ा के अगनियाफला का रहने वाला है ये होनहार बेटा

सिरोहीJan 31, 2017 / 05:54 pm

Ashish vajpayee

Dungarpur: Handicaped Karilal is take care of his parents

माता-पिता के चरणों में ही चारों धाम हैं और गंगा और काशी जाने का पुण्य है। कलियुग में संतान अपने ही मां-पिता से मुंह मोड़ लेती है। पर, दिव्यांग कारीलाल हौसलों की बैसाखियों के सहारे जीवटता की नई इबारत लिख रहा है। घुटनों में पीड़ा के चलते बमुश्किल चल-फिर पाने के बावजूद ग्राम पंचायत बलवाड़ा के अगनियाफला का दिव्यांग कारीलाल मजबूत इरादों के बूते वृद्ध माता-पिता की अडिग मन से सेवा कर रहा है।
कलियुग के इस श्रवणकुमार के पैरों में जन्म से कुछ समय बाद ही विकृति आ गई और चलने-फिरने में परेशानी हो गई। पर, कारीलाल पुत्र देवजी बरण्ड़ा वृद्ध माता-पिता की सेवा में दिन-रात जुटा हुआ है। घर की माली हालत और पैर से दिव्यांग होने से शादी के दो वर्ष बाद ही पत्नी घर छोड़ कर चली गई। इसके बाद से वृद्ध माता-पिता की सेवा कारीलाल ही कर रहा है।
भाई भी चल बसा

कारीलाल ने बताया कि आठ वर्ष की आयु में एक पैर में नारु जैसा कृमि निकला। माता-पिता आर्थिक रुप से समृद्ध नहीं थे। ऐसे में उपचार नहीं करा सके और इधर-उधर झाड़ फूंक कर अन्य देसी इलाज कराते रहे। इससे घुटने से पैर सीधा होना बंद हो गया और लकड़ी के सहारे आठवीं कक्षा तक पढ़ा।
उसने अपनी जीवटता नहीं छोड़ तथा लकड़ी का सहारा छोड़ दुसरा पैर भी घुटनों से मोड़ कर चलने का अभ्यास करता रहा। इससे आज वह दोनों पैर मोड़ कर बिना किसी सहारे के थोड़ा बहुत चल फिर लेता है। कोई रोजगार नहीं मिला। घर में एक छोटा भाई भी था। पर, दो वर्ष पहले बीमारी के चलते वह भी दुनिया छोड़ गया।
अंधेरे जीवन में पेंशन की रोशनी

कारीलाल का घर कवेलूपोश है। घर पर बिजली नहीं है। सरकार की ओर से मिल रही पेंशन से ही परिवार का जैसे-तैसे गुजर बरस होता है। गांव में इधर-उधर आने जाने के लिए ट्राईसाईकिल एवं बिजली कनेक्शन की आस है।

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