दो दिन में दिया वारदात को अंजाम
बैंक में शनिवार और रविवार को अवकाश होने की वजह से चोरों ने संभवत पहले रैकी करने के बाद चोरी के लिए इन दिनों को उपयुक्त समझते हुए आराम से वारदात को अंजाम दिया। भारतीय स्टेट बैंक की यह शाखा भूतल पर बनी हुई है। इसके ऊपर कोई अन्य भवन बना हुआ नहीं है। हालाकि छत पर जाने के लिए कोई सीढि?ा भी नहीं है। अंदेशा यह जताया जा रहा है कि चोरों ने बैंक की छत पर जाने के लिए बैंक की दीवार से लगती गोशाला की भूमि में लगे वृक्ष को छत पर जाने के लिए उपयोग किया। छत पर जाने के बाद जिस जगह पर लॉकर है ठीक उसी जगह पर एक आदमी भीतर उतरकर वापस बाहर आ सके इतना चौड़ा छेद किया गया। बताते हैं कि इसके लिए शायद गैस कटर का इस्तेमाल किया गया है। छत में छेद करने के बाद लॉकर रूम में उतरने का रास्ता साफ हो गया और चोरों ने लॉकर रूम में प्रवेश कर अवकाश होने की वजह से बड़े ही आराम से वारदात को अंजाम देते हुए तीन लॉकर तोड़ कर बेशकीमती जेवरात और नगदी पार कर लिए। हालाकि चोरों ने एक लॉकर ओर तोडऩे की कोशिश की थीए लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
बैंक में शनिवार और रविवार को अवकाश होने की वजह से चोरों ने संभवत पहले रैकी करने के बाद चोरी के लिए इन दिनों को उपयुक्त समझते हुए आराम से वारदात को अंजाम दिया। भारतीय स्टेट बैंक की यह शाखा भूतल पर बनी हुई है। इसके ऊपर कोई अन्य भवन बना हुआ नहीं है। हालाकि छत पर जाने के लिए कोई सीढि?ा भी नहीं है। अंदेशा यह जताया जा रहा है कि चोरों ने बैंक की छत पर जाने के लिए बैंक की दीवार से लगती गोशाला की भूमि में लगे वृक्ष को छत पर जाने के लिए उपयोग किया। छत पर जाने के बाद जिस जगह पर लॉकर है ठीक उसी जगह पर एक आदमी भीतर उतरकर वापस बाहर आ सके इतना चौड़ा छेद किया गया। बताते हैं कि इसके लिए शायद गैस कटर का इस्तेमाल किया गया है। छत में छेद करने के बाद लॉकर रूम में उतरने का रास्ता साफ हो गया और चोरों ने लॉकर रूम में प्रवेश कर अवकाश होने की वजह से बड़े ही आराम से वारदात को अंजाम देते हुए तीन लॉकर तोड़ कर बेशकीमती जेवरात और नगदी पार कर लिए। हालाकि चोरों ने एक लॉकर ओर तोडऩे की कोशिश की थीए लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली।
चोरों ने तोड़ दी आरसीसी की छतए पर भनक तक नही लगी
बताते हैं कि आरसीसी की छत तोड़कर बैंक के लॉकर में घुसकर लॉकर जैसी सुरक्षित शेफ को तोड़ देने वाली शायद यह पहली वारदात होगी। बैंक की छत पर जाने के लिए कोई सीढि?ा भी नही हैं। फिर आखिर चोर कैसे छत पर कैसे पहुंचेघ् सबसे बड़ी बात आरसीसी से बनी इतनी मजबूत छत को तोडऩे में भी चोरों को बहुत वक्त लगा होगा। छत तोडऩे की आवाज भी हुई होगी। मगर ना तो सुरक्षा गार्ड जगाए ना ही इस दरम्यान पुलिस गश्त की गाडी इस तरफ आई और चोर छत तोड़कर बैंक के लॉकर तक पहुंच गए। मजबूत से मजबूत कहे जाने वाले लॉकर्स में से तीन लॉकर जिनके नंबर 22ए 68 तथा 80 हैए तोड़ दिएए सामान पार हो गयाए पर किसी को कानों कान खबर नहीं हुई। बैंक प्रबंधक की ओर से इन तीनें लॉकरों से कितनी नगदी व जेवरात की चोरी हुई उसकी जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं करवाई गई है।
बताते हैं कि आरसीसी की छत तोड़कर बैंक के लॉकर में घुसकर लॉकर जैसी सुरक्षित शेफ को तोड़ देने वाली शायद यह पहली वारदात होगी। बैंक की छत पर जाने के लिए कोई सीढि?ा भी नही हैं। फिर आखिर चोर कैसे छत पर कैसे पहुंचेघ् सबसे बड़ी बात आरसीसी से बनी इतनी मजबूत छत को तोडऩे में भी चोरों को बहुत वक्त लगा होगा। छत तोडऩे की आवाज भी हुई होगी। मगर ना तो सुरक्षा गार्ड जगाए ना ही इस दरम्यान पुलिस गश्त की गाडी इस तरफ आई और चोर छत तोड़कर बैंक के लॉकर तक पहुंच गए। मजबूत से मजबूत कहे जाने वाले लॉकर्स में से तीन लॉकर जिनके नंबर 22ए 68 तथा 80 हैए तोड़ दिएए सामान पार हो गयाए पर किसी को कानों कान खबर नहीं हुई। बैंक प्रबंधक की ओर से इन तीनें लॉकरों से कितनी नगदी व जेवरात की चोरी हुई उसकी जानकारी फिलहाल उपलब्ध नहीं करवाई गई है।
बैंक के बाहर लगा लोगों का मजमा
भारतीय स्टेट बैंक की गोशाला शाखा में सेंधमारी की वारदात होने तथा चोरों की ओर से लॉकर तोड़ कर कीमती जेवरात व नगदी पार कर ले जाने की जानकारी जैसे ही शहर में फैली वे लोग जिनके लॉकर बैंक में हैं उनकी सांसें मानो थम सी गई। देखते ही देखते बैंक के बाहर लोगों का मजमा लग गया। इनमें काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी। बैंक के बाहर खड़ा हर शख्स यह जानना चाह रहा था कि आखिर कितने लॉकर और कौन कौन से लॉकर टूटे हैं। आखिरकार काफी देर बाद पुलिस उप अधीक्षक मदनसिंह ने बाहर आकर ग्राहकों को सूचना दी कि 22ए 68 और 80 नंबर लॉकर को तोड़ा गया है। तब जाकर वे लोग जिनके लॉकर सुरक्षित रहे उनकी सांस में सांस आई।
भारतीय स्टेट बैंक की गोशाला शाखा में सेंधमारी की वारदात होने तथा चोरों की ओर से लॉकर तोड़ कर कीमती जेवरात व नगदी पार कर ले जाने की जानकारी जैसे ही शहर में फैली वे लोग जिनके लॉकर बैंक में हैं उनकी सांसें मानो थम सी गई। देखते ही देखते बैंक के बाहर लोगों का मजमा लग गया। इनमें काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल थी। बैंक के बाहर खड़ा हर शख्स यह जानना चाह रहा था कि आखिर कितने लॉकर और कौन कौन से लॉकर टूटे हैं। आखिरकार काफी देर बाद पुलिस उप अधीक्षक मदनसिंह ने बाहर आकर ग्राहकों को सूचना दी कि 22ए 68 और 80 नंबर लॉकर को तोड़ा गया है। तब जाकर वे लोग जिनके लॉकर सुरक्षित रहे उनकी सांस में सांस आई।
अंतर्राज्यीय गैंग का हो सकता है काम
सूत्र बताते हैं कि चोरी की इस पूरी वारदात के पीछे किसी अन्तर्राज्यीय गैंग का हाथ हो सकता है। संभव है कि इसमें कुछ स्थानीय लोग भी शामिल हो। हालाकि पुलिस सभी बिंदुओं पर अध्ययन कर अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है। सोमवार को वारदात की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष टांक भी शिवगंज पहुंचे तथा पुलिस अधिकारियों के साथ बैंक पहुंचकर वारदात स्थल का जायजा लिया तथा पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
सूत्र बताते हैं कि चोरी की इस पूरी वारदात के पीछे किसी अन्तर्राज्यीय गैंग का हाथ हो सकता है। संभव है कि इसमें कुछ स्थानीय लोग भी शामिल हो। हालाकि पुलिस सभी बिंदुओं पर अध्ययन कर अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है। सोमवार को वारदात की जानकारी मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष टांक भी शिवगंज पहुंचे तथा पुलिस अधिकारियों के साथ बैंक पहुंचकर वारदात स्थल का जायजा लिया तथा पुलिस अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
सुरक्षित है बैंक का खजाना
बैंक के प्रबंधक से यह सूचना मिली कि उनके बैंक के लॉकरों को तोड़ा गया है। एमओबी टीम को मौके पर बुलाया जाकर फिंगर प्रिंट उठाए गए हैं। बैंक में तीन लॉकरों को तोड़ा गया हैए एक लॉकर को तोडऩे का प्रयास किया गया है। बैंक में कुल 405 लॉकर हैए इनमें से काफी लॉकर ऐसे भी है जो आवंटित किए हुए नहीं है। बैंक की छत पर किसी प्रकार का निर्माण नहीं है। चोरों ने बैंक की छत को तोड़ते हुए बैंक के भीतर प्रवेश किया तथा वहीं से बाहर निकले है। इस लॉकर रूम में बैंक की बड़ी सेल्फ भी थी जो सुरक्षित है उसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। पुलिस इस वारदात को अंजाम देने वालों की तलाश के लिए पूरे प्रयास कर रही है।
मदनसिंहए पुलिस उप अधीक्षकए सिरोही वृत
बैंक के प्रबंधक से यह सूचना मिली कि उनके बैंक के लॉकरों को तोड़ा गया है। एमओबी टीम को मौके पर बुलाया जाकर फिंगर प्रिंट उठाए गए हैं। बैंक में तीन लॉकरों को तोड़ा गया हैए एक लॉकर को तोडऩे का प्रयास किया गया है। बैंक में कुल 405 लॉकर हैए इनमें से काफी लॉकर ऐसे भी है जो आवंटित किए हुए नहीं है। बैंक की छत पर किसी प्रकार का निर्माण नहीं है। चोरों ने बैंक की छत को तोड़ते हुए बैंक के भीतर प्रवेश किया तथा वहीं से बाहर निकले है। इस लॉकर रूम में बैंक की बड़ी सेल्फ भी थी जो सुरक्षित है उसे किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है। पुलिस इस वारदात को अंजाम देने वालों की तलाश के लिए पूरे प्रयास कर रही है।
मदनसिंहए पुलिस उप अधीक्षकए सिरोही वृत
कैमरे का भी दिया धोखा
कहने को तो बैंक प्रबंधन ने बैंक की सुरक्षा के लिए बैंक के भीतर तथा बाहर कैमरे लगा रखे हैं। लेकिन तू डाल डाल मैं पात पात की कहावत को चरितार्थ करते हुए लॉकर के भीतर प्रवेश करने के लिए छत के रास्ते को चुना। उन्हें इस बात की जानकारी थी कि बैंक की छत और लॉकर रूम में कहीं भी कैमेरा लगा हुआ नहीं है। इसका नकबजनों ने पूरा फायदा उठाया और वारदात को अंजाम देकर रफूचक्कर हो गए।
कहने को तो बैंक प्रबंधन ने बैंक की सुरक्षा के लिए बैंक के भीतर तथा बाहर कैमरे लगा रखे हैं। लेकिन तू डाल डाल मैं पात पात की कहावत को चरितार्थ करते हुए लॉकर के भीतर प्रवेश करने के लिए छत के रास्ते को चुना। उन्हें इस बात की जानकारी थी कि बैंक की छत और लॉकर रूम में कहीं भी कैमेरा लगा हुआ नहीं है। इसका नकबजनों ने पूरा फायदा उठाया और वारदात को अंजाम देकर रफूचक्कर हो गए।
लाखों की लागत से लगे कैमरों का औचित्य नहीं
वैसे तो नगर पालिका प्रशासन ने शहर के प्रमुख चौराहों पर अपराधों की रोकथाम के लिए कैमरे लगा रखे हैं तथा इसका कन्ट्रोल रूम पुलिस थाना में स्थापित किया हुआ है। विडम्बना है कि देखरेख के अभाव में अधिकांश चौराहों पर लगे ये कैमरे अब किसी काम के नहीं है। पिछले लंबे समय से नागरिकों की ओर से लाखों खर्च कर लगाए गए इन कैमरों को फिर से शुरू करने की मांग उठाई जा रही है। मगर पालिका प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
वैसे तो नगर पालिका प्रशासन ने शहर के प्रमुख चौराहों पर अपराधों की रोकथाम के लिए कैमरे लगा रखे हैं तथा इसका कन्ट्रोल रूम पुलिस थाना में स्थापित किया हुआ है। विडम्बना है कि देखरेख के अभाव में अधिकांश चौराहों पर लगे ये कैमरे अब किसी काम के नहीं है। पिछले लंबे समय से नागरिकों की ओर से लाखों खर्च कर लगाए गए इन कैमरों को फिर से शुरू करने की मांग उठाई जा रही है। मगर पालिका प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।