राज्यपाल ने बुधवार देर शाम राजभवन में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र उदयपुर की ओर से आयोजित तीन दिवसीय 'शिखर पर्व' का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।'शिखर पर्व' की शुरुआत कला प्रदर्शनी और सांस्कृतिक संध्या से हुई। आरम्भ में नन्ही कलाकार बेबी अमिशी और बेबी आशी ने लोक और शास्त्रीय के मेल में सजी भावपूर्ण नृत्य की प्रस्तुति दी। सांस्कृतिक संध्या का मुख्य आकर्षण पद्मश्री अनवर खां की गायकी रही। उन्होंने लोक राग में गणेश वंदना करते 'नाचे छै गणपति गजानन' से अपनी मधुर प्रस्तुति की शुरुआत की। बाद में आजादी के अमृत महोत्सव की महिमा से जुड़ा 'गाता जायजो संगी आपणा देश री आजादी रा गीत गुण गाता जायजो...' गीत को राजस्थानी लोक संगीत में प्रभावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया। इसके बाद उन्होंने 'दमादम मस्त कलन्दर' को अपने अंदाज में मीरा, सूरदास आदि की मिश्र भक्ति रचनाओं संग स्वर माधुर्य में संजोया। जोगी समुदाय द्वारा बजाए जाने वाले लोक वाद्य भपंग की मोहक प्रस्तुति लोक कलाकारों ने दी। सांस्कृतिक संध्या 'रंग पश्चिम' में महाराष्ट्र के लोक कलाकारों ने जहां लावणी के लावण्य से लुभाया वहीं कठपुतली कला, गुजरात का भवाई, टिपणी, रास हुडा, रास डांडिया आदि की भी विरल नृत्य प्रस्तुतियां हुई। इस दौरान मोरचंग, भपंग, हारमोनियम की भी मधुर संगत मन को भाने वाली रही।
साकार हुई लोक संस्कृति सांस्कृतिक संध्या के समापन पर राजस्थान के लोक कलाकारों ने यूनेस्को की धरोहर में सम्मिलित कालबेलिया नृत्य की भावपूर्ण प्रस्तुति से उपस्थित जनों को मंत्रमुग्ध कर दिया। राज्यपाल मिश्र, राज्य की प्रथम महिला सत्यवती मिश्र सहित उनके परिजनों, राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल, जिला कलक्टर डॉ. भंवर लाल, पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र सिंह, उपखंड अधिकारी कनिष्क कटारिया सहित अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोगों ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का आनंद लिया।
राज्यपाल ने किया 'हेरिटेज आर्किटेक्ट चित्र प्रदर्शनी' का लोकार्पण राज्यपाल मिश्र ने बुधवार को राजभवन में पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की ओर से "शिखर पर्व" के अंतर्गत लगाई गई 'हेरिटेज आर्किटेक्ट चित्र प्रदर्शनी' का लोकार्पण किया। उन्होंने प्रदर्शनी में प्रदर्शित ऐतिहासिक महल, किले, मंदिर, तोरण द्वार आदि के चित्रों का अवलोकन करते हुए धरोहर संरक्षण की सोच के तहत इसे महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कलाकारों द्वारा भाव संवेदना के साथ ऐतिहासिक स्थलों के उकेरे चित्रों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कलाकारों को प्रोत्साहन सभी स्तरों पर जरूरी है। इस दौरान पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की निदेशक किरण सोनी गुप्ता ने "धरोहर आर्ट कैंप" और कोविड के दौर में कलाकारों ने घर पर रहते इन कलाकृतियों का देश के विभिन्न राज्यों के चित्रकारों ने किए सृजन के बारे में जानकारी दी।
स्कूली बच्चों व पर्यटकों का रूट बदला राजपाल कलराज मिश्र के गुरुवार को रघुनाथ मंदिर दर्शन करने जाने से पूर्व पुलिस प्रशासन ने अंबेडकर सर्किल पर बैरिकेड लगाकर रूट बदल दिया। वहीं सोफिया व सेंट जोसेफ स्कूल की छुट्टी के दौरान भी स्कूली छात्रों का रूट बदला गया। पुलिस द्वारा पर्यटकों को परेशान नहीं करने के राज्यपाल के निर्देश के बावजूद कई सैलानियों के वाहन क्रेन से उठवाए गए। ऐसे में कई पर्यटक उनके वाहन ढूंढते रह गए।