यह कविता है लोगो पर
‘हरी मुनिया’ नाम है मेरा, मैं छोटी सी चिडिय़ा हूं।
पीला चेहरा, लाल चौंच है, मैं रंगों की पुडिय़ा हूं।
दर्द भरी मेरी कहानी, रोया वो जिसने भी जानी।
खुला आसमां रुठा मुझसे, पिंजरों में जाऊं पहचानी।
‘हरी मुनिया’ नाम है मेरा, मैं छोटी सी चिडिय़ा हूं।
पीला चेहरा, लाल चौंच है, मैं रंगों की पुडिय़ा हूं।
दर्द भरी मेरी कहानी, रोया वो जिसने भी जानी।
खुला आसमां रुठा मुझसे, पिंजरों में जाऊं पहचानी।
‘लाल सूची’ में नाम है मेरा, मैं खतरे में पड़ी प्रजाति हूं। माउन्ट आबू पर रहती हूॅं, अब कहीं ना आती-जाती हूॅं। जिला कलेक्टर साहब ने, मुझे बचाने की मुहिम चलाई है। लोकसभा आम चुनावों में, मेरी भी ड्यूटी लगाई है। वोट मुनिया बनकर मैं, अब पास आपके आऊंगी। मतदान का नया संदेशा, घर-घर में पहुंचाऊगी।
लुप्त होने के कगार पर
यह चिडिय़ा माउंट आबू, गोवा तथा कुंभलगढ़ व गोगूदा में आसानी से दिख जाती थी, लेकिन अब यह विलुप्त से हो रही है। माउंट आबू में भी इसकी संख्या अधिक थी, लेकिन इसकी खूबसूरती के कारण लोगों ने इसको पालना शुरु कर दिया। वन विभाग की ओर से ग्रीन मुनिया को शिड्यूल 4 में रखा गया है। इसको लाल रंग के लिस्ट में रखा गया है, इसका शिकार करने वाले पर बड़ी कार्रवाई भी होती है।
जोड़े ग्रीन मुनिया…
ग्रीन मुनिया का होगा बचाव
ग्रीन मुनिया अपने यहीं मिलती है, इसी उद्देश्य को लेकर ग्रीन मुनिया को भी मतदान जागरूकता कार्यक्रम में शामिल किया है, इसके कार्टून व फोटो से लोगों को जागरूक किया जाएगा। मतदान जागरूकता के साथ साथ इसके फोटो होंगेे तो लोगों में जागरूकता आऐगी तभी इस जीव का संरक्षण होगा ताकि इसकी प्रजाति विलुफ्त नहीं होगी।
– सुरेन्द्र कुमार सोलंकी, जिला कलक्टर सिरोही
यह चिडिय़ा माउंट आबू, गोवा तथा कुंभलगढ़ व गोगूदा में आसानी से दिख जाती थी, लेकिन अब यह विलुप्त से हो रही है। माउंट आबू में भी इसकी संख्या अधिक थी, लेकिन इसकी खूबसूरती के कारण लोगों ने इसको पालना शुरु कर दिया। वन विभाग की ओर से ग्रीन मुनिया को शिड्यूल 4 में रखा गया है। इसको लाल रंग के लिस्ट में रखा गया है, इसका शिकार करने वाले पर बड़ी कार्रवाई भी होती है।
जोड़े ग्रीन मुनिया…
ग्रीन मुनिया का होगा बचाव
ग्रीन मुनिया अपने यहीं मिलती है, इसी उद्देश्य को लेकर ग्रीन मुनिया को भी मतदान जागरूकता कार्यक्रम में शामिल किया है, इसके कार्टून व फोटो से लोगों को जागरूक किया जाएगा। मतदान जागरूकता के साथ साथ इसके फोटो होंगेे तो लोगों में जागरूकता आऐगी तभी इस जीव का संरक्षण होगा ताकि इसकी प्रजाति विलुफ्त नहीं होगी।
– सुरेन्द्र कुमार सोलंकी, जिला कलक्टर सिरोही