video story:जानिए बूंद बूंद सिंचाई से कैसे तैयार हो रहे तरबूज
सिरोहीPublished: Apr 18, 2019 11:07:17 am
कुछ अलग करने की चाह में तरबूज की खेती करने का विचार आया। इससे पहले आलू भी बोए थे। पानी की बचत के लिए ड्रिप पद्धति का सहारा लिया।
आबूरोड. उपखण्ड में मौजूदा जल संकट के बावजूद मोरथला के एक कृषि फार्म में काश्तकार भावेश माली ने ड्रिप सिंचाई और मल्चिंग तकनीक के बूते तरबूज -खरबूजा (शक्कर टेटी ) की बंपर फसल ले रहे है। भावेश बताते है कि इकबालगढ़ गुजरात के है और उन्होंने यह फार्म ठेके पर लिया है, इसमें उन्होंने चालिस से पचास बिघा भूमि में तरबूज तथा शक्कर टेटी बोई है। जिसको टपक प्रद्धति से तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुछ अलग करने की चाह में तरबूज की खेती करने का विचार आया। इससे पहले आलू भी बोए थे। पानी की बचत के लिए ड्रिप पद्धति का सहारा लिया।
पौधे की ग्रोथ तापमान पर निर्भर
तरबूज के पौधे की ग्रोथ तापमान पर निर्भर करती है। यदि तापमान 40 से उपर रहता है तो ५०-५५ दिन में फसल तैयार हो जाती है, अगर तापमान इससे कम होता है तो करीब ६० से ६५ दिन में पहली बार फल पूरी तरह तैयार हो जाती है। जितना ज्यादा तापमान ज्यादा रहता है, पौधा उतनी ही तेजी से ग्रोथ करता है। गर्मी के मौसम में तरबूज का पौधा सबसे तेजी से ग्रोथ करता है। फल भी मीठा होता है, इसकी फसल को पानी ज्यादा देना पड़ता है, ऐसे में ज्यादा पानी वाले किसान ही इस फसल को बोते है।
शक्कर टेटी भी कम नहीं
भावेश ने बताया कि तरबूज के पास वाले खेत में शक्कर टेटी खरबूजे की खेती भी की है, इसको भी फव्वारें से तैयार किया जा रहा है। इसमें कीट का प्रकोप नहीं हो इसके लिए भी समय समय पर सार संभाल किया जा रहा है।