गर्भपात किट देने के बाद पूरा तरीका भी समझाया सरूपगंज में पंचायत भवन के पास मेडिकल स्टोर संचालक वीडियो में महिला ग्राहक के गर्भपात की दवाई मांगने पर वह बगैर किसी झिझक के उस महिला को काउंटर पर टेबलेट रखकर यह समझाते दिखाई दे रहा है कि उस टेबलेट को कैसे लेनी है। जबकि चिकित्सक के बिना परामर्श महिला को दवाई लेने का कहना नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दिखाई दे रहा है।
बिना डॉक्टरी सलाह जानलेवा बन सकता है एमटीपी किट का उपयोग गर्भपात की दवा बिना चिकित्सक की देख-रेख में लेना जानलेवा हो सकता है। इन दवाओं से कई बार रक्त-स्त्राव बंद नहीं होता और ऐसी हालत में ज्यादा खून बहने से महिला की मौत भी हो सकती है। गर्भपात की दवा केवल चिकित्सक की निगरानी में ही गर्भवती महिला को दी जाती है, ताकि महिला का उपचार हो सकें।
बेटी बचाओ अभियान की उड़ रही धज्जियां एक तरफ जहां बेटियों को बचाने को लेकर सरकार व चिकित्सा विभाग समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाते है, वहीं दूसरी तरफ इन लोगों के ऐसे कारनामे गर्भ में ही बेटियों को मारने की कवायद पर पर्दा डाल देते हैं। ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि विभिन्न क्षेत्रों के ये लोग दुकानें खोलकर लोगों का इलाज तक कर रहे हैं। गर्भपात की दवाई रख रहे हैं, तो इन पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही।
ये हैं नियम एमटीपी किट नियमानुसार लाइसेंसधारी मेडिकल स्टोर पर रखे तो जा सकते हैं, पर चिकित्सक की पर्ची के बिना उसकी बिक्री नहीं कर सकते। यह कोई ओटीपी (ओवर द काउन्टर) प्रोडक्ट नहीं है कि जो भी खदीदने आए उसे थमा दिया जाए। नियमानुसार तो एमटीपी किट की बिक्री व खरीद का हिसाब भी मेडिकल स्टोर पर रखना होता है। चिकित्सकीय गर्भ समापन अधिनियम-1971 एवं संशोधित अधिनियम-2002 के प्रावधानों के अनुसार सरकारी अस्पताल या सरकार की ओर से अधिकृत चिकित्सा केन्द्रों के अतिरिक्त या गैर पंजीकृत चिकित्सक की ओर से गर्भपात किया जाता है तो दो से सात साल तक की सजा का प्रावधान है।
इन्होंने बताया... मैं वीडियो की जांच कर आऊंगी और नियमानुसार इस पर कार्रवाई की जाएगी। - पुष्पा सोलंकी , ड्रग इंस्पेक्टर, सिरोही ड्रग इंस्पेक्टर यदि जांच के दौरान हेल्थ डिपार्टमेंट को बुलाती है तो हम सहयोग करने के लिए तैयार है। बाकी, कोई भी मेडिकल स्टोर वाला बिना डॉक्टर की पर्ची के इन दवाइयों की बिक्री नहीं कर सकता है। यह कानूनी जुर्म है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यदि ऐसा हुआ है तो बहुत गलत है।
- डॉ. एसपी शर्मा, ब्लॉक सीएमएचओ, पिण्डवाड़ा