प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 फरवरी 2017 को नक्की नौकायन नीलामी में 6 करोड़ 31 लाख में टेंडर हुए थे। नियमानुसार 18 में बढ?र यह राशि 6 करोड़ 94 लाख 10 हजार हुई। 2019 में 7 करोड़ 63 लाख 51 हजार पहुंची। जो 14 मार्च 2020 तक के लिए प्रतिवर्ष दस फीसदी की वृद्धि के साथ निर्धारित थी। लेकिन संबंधित ठेकेदार ने ठेका बीच में ही छोडऩे की घोषणा कर दी। जिससे समयावधि से पूर्व ही पालिका को नीलामी प्रक्रिया अपनाने को विवश होना पड़ा। जिसके चलते 19 फरवरी 2019 को चार करोड़ 61 लाख रूपये का ठेका प्रतिवर्ष दस फीसदी की वृद्धि पर तीन वर्ष की अवधि के लिए तय हुआ।
1987 से ऐसे चली नीलामी प्रक्रिया 17 फरवरी 87 को नौका संचालन के लिए बाबू लाल टाक आ गए जिन्होंने आम नीलामी में दो लाख 41 हजार की अंतिम बोली पर नौका संचालन का ठेका प्राप्त किया। फिर जनवरी 1990 में 3 लाख 40 हजार, 1992 में 5 लाख दो हजार 500, 1995 में 14 लाख 5 हजार 650, 1999 में चंचल देवी टाक की ओर से सीधे ही 65 लाख में ठेका प्राप्त किया। सन 2000 में श्रीनाथ नौकायन ने 65 लाख 51 हजार में प्रतिवर्ष दस फीसदी वार्षिक वृद्वि की दर पर ठेका लिया। 2003 में रिद्वि-सिद्वि नौकायान ने 95 लाख, 2004 में दस फीसदी दर की बढ़ौतरी से एक करोड़ 4 लाख 50 हजार में ठेका लिया गया। सन 2005 में यह राशि दस फीसदी बढकर एक करोड़ 15 लाख रुपए का आंकड़ा पार कर गई। इसी तरह से झील के ठेके की राशि में वृद्धि होती गई। वर्ष 2006 से 2017 तक यह राशि 3 करोड़ 52 लाख 49 हजार रुपये पर पहुंच गई।
इनका कहना है... नौकायन ठेका अवधि समाप्त हो रही है। पूर्व में बोर्ड की ओर से लिए गए प्रस्ताव के तहत डीएलबी से मार्गदर्शन मांगा गया है। जिसके आने की प्रतीक्षा है। वोट हाउस के नए टेंडर प्रक्रिया जारी करने पर विचार किया जा रहा है। वर्तमान ठेके की राशि पालिकाकोष में जमा हुई उसकी फिलवक्त पुख्ता जानकारी नहीं है। अध्ययन कर वस्तुस्थिति का पता लगाया जाएगा।
कनिष्क कटारिया, पालिका आयुक्त, माउंट आबू