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सिरोही

महाराष्ट्र-केरल प्रवासियों की जांच के नाम पर महज खानापूर्ति, कहीं राज्य में ना हो कोरोना संक्रमण दर में पुन: बढ़ोत्तरी

– मावल गुजरात बॉर्डर पर केवल दो शिक्षकों की नियुक्ति,महाराष्ट्र व केरल से आने वाले वाहनों को रोकने के लिए नहीं कोई पुलिसकर्मी

सिरोहीMar 01, 2021 / 08:48 pm

Darshan Sharma

महाराष्ट्र-केरल प्रवासियों की जांच के नाम पर महज खानापूर्ति, कहीं राज्य में ना हो कोरोना संक्रमण दर में पुन: बढ़ोत्तरी

आबूरोड की मावल गुजरात-राजस्थान सीमा, जहां महाराष्ट्र व केरल से आने वाले वाहनों को लेकर नहीं कोई व्यवस्था।

आबूरोड. राज्य सरकार की ओर से महाराष्ट्र व केरलमें बढ़ते कोरोना मामलों के बाद राज्य में इन दो राज्यों से आने वाले लोगों की कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट के बाद प्रवेश को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं, लेकिन राज्य की गुजरात से सटी मावल बॉर्डर पर स्थानीय प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था महज खानापूर्ति नजर आ रही है। यहां गुजरात होकर महाराष्ट्र व केरल से आने वाले वाहनों को रूकवाकर पूछताछ करने के लिए पुलिसकर्मी नहीं लगाए गए हैं और ना ही कोई बोर्ड या सूचना अंकित की गई है, जिससे ये पता लग सके कि यहां महाराष्ट्र व केरल से आने वाले प्रवासियों व यात्रियों को सूचना देनी है। ऐसे में कहीं स्थानीय प्रशासन कीअनदेखी राज्य में महाराष्ट्र व केरल से कोरोना प्रदेश में कोरोना संक्रमण दर में पुन: बढ़ोत्तरी ना हो जाए।
जिला कलक्टर ने 27 फरवरी को आदेश जारी कर जिले सेसटी गुजरात सीमा मार्ग पर व आबूरोड रेलवे स्टेशन पर कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण की दर को ध्यान में रखते हुए केरल व महाराष्ट्र से आने वाले राज्यों प्रवासियों-यात्रियों की आरटी-पीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता लागू करने के निर्देश दिए हैं। जिसकी पालना में तहसीलदार रामस्वरूप जौहर ने शिक्षा विभाग से छह शिक्षकों की तीन पारियों में मावलगुजरात बॉर्डर पर ड्यूटी लगाई है। मावल बार्डर पर कार्यरत शिक्षकों नेबताया कि गुजरात होकर आने वाले महाराष्ट्र व केरल राज्य के प्रवासियोंकी जानकारी के लिए दो रजिस्टर में सूचना ली जा रही है। इसमें नेगेटिवरिपोर्ट वाले प्रवासियों व बिना नेगेटिव रिपोर्ट वाले प्रवासियों की जानकारी अंकितकी जा रही है। इन दो राज्यों से आने वाले यात्रियों से यात्रा शुरू करने से72 घंटे पूर्व करवाई गई कोरोना रिपोर्ट की जानकारी मांगी जा रही है।मावल बॉर्डर पर इस कार्य के लिए कोई पुलिसकर्मी नियुक्त नहीं किया गया है।ऐसे में अधिकांश वाहन बिना किसी जांच के सीधे ही राज्य में प्रवेश कररहे हैं। यहां वाहनचालकों के लिए किसी प्रकार के बैनर या बोर्ड परसूचना अंकित नहीं मिली। ऐसे में यक्ष प्रश्न है कि वाहनचालक कैसे स्वेच्छा सेरूककर कार्यरत कार्मिकों को सूचना प्रदान करेगा। नतीजतन सरकार व जिलाप्रशासन के आदेश यहां हवा होते दिखाई दे रहे हैं।
महाराष्ट्र-केरल प्रवासियों की जांच के नाम पर महज खानापूर्ति, कहीं राज्य में ना हो कोरोना संक्रमण दर में पुन: बढ़ोत्तरी

स्टेशन पर लगाए सूचना एकत्रित करने के लिए शिक्षक

उधर, तहसीलदार ने जिला कलक्टर के निर्देश पर आबूरोडरेलवे स्टेशन पर महाराष्ट्र व केरल से आने वाले यात्रियों की सूचना एकत्रितकरने के लिए तीन पारियों में 6 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है। रविवार को दोशिक्षक मुख्य गेट पर सूचना एकत्रितकरने के लिए ड्यूटी करते दिखाई दिए, हालांकि स्टेशन पर आवाजाहीके लिए मुख्य द्वार के अलावा सेकंडएंट्री फुट ओवरब्रिज से भी यात्री आवाजाही करते हैं। ऐसे में इन मार्गों सेआने वाले यात्रियों से सूचना कैसे एकत्रित की जाएगी। रेलवे की ओर से सभीट्रेनों को पूर्ण आरक्षित किया गया है। ऐसे में आरक्षण चार्ट के माध्यम से यात्रियोंगंतव्य स्थान व यात्रा शुरू करने के स्थान समेत अन्य जानकारी रेलवे को प्रदानकी जाती है। राजस्थान पत्रिका के मावल बॉर्डर व रेलवे स्टेशन पर कार्यरत शिक्षकों से जानकारी प्राप्त करने पर सामने आया कि रविवार दोपहर तक एकभी यात्री महाराष्ट्र व केरल से नहीं पहुंचा है।
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