रात को असुरक्षित पैदल जातरू, नहीं लगाए रिफ्लेक्टर
सिरोहीPublished: Sep 10, 2018 09:24:38 am
घर-गांव छोड़कर जातरुओं के जत्थे निकल पड़े हैं। ध्वजा हाथ में लिए बाबा रामदेव के भक्त दिन-रात हाईवे पर देखे जा सकते हैं। जैसलमेर के रामदेवरा मंदिर- रुणिचा धाम जा रहे पैदल जातरू रात के समय में असुरक्षित चल रहे हैं।
सिरोही. घर-गांव छोड़कर जातरुओं के जत्थे निकल पड़े हैं। ध्वजा हाथ में लिए बाबा रामदेव के भक्त दिन-रात हाईवे पर देखे जा सकते हैं। जैसलमेर के रामदेवरा मंदिर- रुणिचा धाम जा रहे पैदल जातरू रात के समय में असुरक्षित चल रहे हैं। इनके हाथों पर रिफ्लेक्टर पट्टी नहीं बंधी होने के कारण दुर्घटना का खतरा बना रहता है। हर वर्ष दुर्घटनाओं में जातरुओं की मौत या घायल होने के मामले सामने आते हैं लेकिन बिना जगाए अधिकारी हरकत में नहीं आते। जातरुओं को जागरूक करने और दाएं हाथ पर रिफ्लेक्टर पट्टी लगाने के लिए हर वर्ष परिवहन विभाग अभियान चलाता है। रिफ्लेक्टर की चमक से वाहन चालक रोड किनारे चल रहे व्यक्ति को पहचान सकता है।
गड्ढों से परेशानी
दरअसल, हाईवे पर कई स्थानों पर बारिश से गड्ढे हो चुके हैं। ऐसे में रात में भारी वाहनों की गति प्रभावित होती है। गड्ढों से बचाने के लिए चालक बे्रक न लगाकर रफ्तार में रोड किनारे होकर ही निकाल लेते हैं। ऐसे में सड़क किनारे चल रहे जातरुओं के चपेट में आने की आशंका रहती है।
रामरसोड़ा में
हो सकता है कार्य
राजस्थान, गुजरात समेत अन्य स्थानों से रामदेवरा जा रहे पैदल जातरुओं के लिए कई स्थानों पर समाजसेवकों और संस्थाओं ने राम रसोड़े शुरू कर दिए हैं। चाय, नाश्ता, भोजन व ठहरने की सुविधाएं दी जा रही है लेकिन रिफ्लेक्टर लगाने का कार्य नहीं किया जाता और न ही इस बारे में जातरुओं को जागरूक किया जा रहा है। परिवहन विभाग या समाजसेवी राम रसोड़े में यह काम कर सकते हैं। गोयली चौराहे पर रामदेव सेवा समिति, शिवगंज रोड पर आदर्श चेरिटेबल ट्रस्ट सहित जिले में कई जगह संचालित रामरसोड़े में दिनभर जातरुओं का तांता लगा रहता है। वे यहां भोजन प्रसादी ग्रहण कर आगे के सफर के लिए निकल रहे हैं। इसके अलावा वीरवाड़ा, नया सानवाड़ा, बालदा समेत आस-पास में भी रामरसोड़े शुरू हुए हैं।