scriptकभी रही मिसाल, अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का काम देख रहीं भगवती | Once an example, now Bhagwati is looking after the work of Anganwadi w | Patrika News

कभी रही मिसाल, अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का काम देख रहीं भगवती

locationसिरोहीPublished: Mar 03, 2021 11:31:32 pm

-चार बार स्टेट लेवल दौड़ प्रतियोगिता में चैम्पियन बनीं, चार बार नेशनल पर दौड़ी, कई मैडल जीते
-पीटी उषा की नजरों में आई तो कहा था कि भगवती एक दिन देश का नाम रोशन करेंगी, बीमारी से पिता, भाई, भाभी और माता की मौत के कारण देश के लिए नहीं खेल पाई भगवती

कभी रही मिसाल, अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का काम देख रहीं भगवती

sirohi

अमरसिंह राव
सिरोही. चार बार स्टेट लेवल दौड़ प्रतियोगिता में चैम्पियन रही। चार बार नेशनल लेवल पर दौड़ी और चारों बार फाइनल राउंड में जगह बनाई। देश की मशहूर धावक पीटी उषा की नजरों में आई तो कहा था कि यह लड़की एक दिन आगे चलकर देश का नाम रोशन करेंगी। यह कहानी है सिरोही जिले के नागाणी गांव की उडऩपरी भगवती देवी मेघवाल की। जिसने दौड़ में कई खिताब अपने नाम किए लेकिन घरेलू परिस्थितियों के कारण देश के लिए नहीं दौड़ पाई। कभी राजस्थान की ‘उडऩपरीÓ कहलाने वाली भगवती देवी अब सनपुर गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का काम देख रही हैं।
भगवती जब सातवीं में थी तब पिता का निधन हो गया। उसके बाद सगा भाई और भाभी भी चल बसे। ऐसी स्थिति में परिवार की जिम्मेदारी भगवती के कंधों पर गई। बाद में माता भी हमेशा-हमेशा के लिए संसार छोड़ गई। परिवार वालों ने जिससे पहली शादी करवाई उसने भी साथ नहीं दिया और परिवार को तंग हालत में देख छोड़ दिया। भगवती कहती हैं कि जब जरूरत थी तब किसी ने सपोर्ट नहीं किया। यदि साथ दिया होता तो वह देश के लिए जरूर पदक लाती। भगवती देवी अब दूसरे पति सरूप बामणिया के साथ सनपुर में रहती हैं। उनके दो बच्चे हैं। गांव में ही इनके पति सरूप बामणिया किराणा की दुकान और आटा चक्की संभालते हैं। जैसा कि भगवती के पति सरूप बामणिया बताते हैं कि गांव में खेती बाड़ी भी है और पत्नी आंगवबाड़ी कार्यकर्ता हैं। वे परिवार के साथ खुश हैं।

इतने मैडल जीते….


वर्ष 2005-06 राज्य स्तरीय प्रतियोगिता डूंगरपुर में 600/400 मीटर गोल्ड मैडल जीता
साल 2006-07 राज्य स्तरीय प्रतियोगिता जयपुर में 800 मीटर में खिताब जीता
वर्ष 2006-07 राज्यस्तरीय प्रतियोगिता जयपुर में 1500/3000 मीटर में प्रथम रही
वर्ष 2008-09 सिरोही में 800/1500/&000 मीटर स्पर्धा में गोल्ड जीता

नेशनल लेवल में हर बार फाइनल में बनाई जगह


वर्ष 2006 पूना में नेशनल लेवल प्रतियोगिता में 600 मीटर में फाइनल में जगह बनाई और चौथे नम्बर पर रही
वर्ष 2007 में आसाम गोवाहटी में नेशनल प्रतियोगिता में 3000 मीटर में फाइनल में पहुंची और चौथे नम्बर रही
साल 2007 तमिलनाडु के मदूराई में नेशनल में 1500/3000 मीटर के फाइनल में पहुंची और चौथे नम्बर रही
वर्ष 2009 केरला के अरनापूरम में 800/1500/3000 मीटर दौड़ में फाइनल में पहुंची और चौथे नम्बर रही
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो