जानकारी के अनुसार बाड़मेर जिले के लीलसर-चौहटन निवासी भगाराम (35) पुत्र तिलोकाराम चौधरी बुधवार सुबह कंपनी के चार ट्रकों के साथ गुजरात में गांधीधाम व मुंद्रा से पाइप भरकर आबूरोड-पिण्डवाड़ा फोरलेन से पाली की ओर जा रहा था। गुरुवार देर रात सरूपगंज टोल नाके के पास पहुंचकर खाना खाया और पास के होटल पर विश्राम किया। शुक्रवार सुबह सरूपगंज से सुबह 7 बजे चाय-नाश्ता कर रवाना हुआ। बनास पार कर चवरली गांव के पास पहुंचा ही था कि अचानक ट्रक के आगे का टायर फट गया और ट्रक डिवाइडर से टकराकर डिवाइडर को फांदकर करीब तीन सौ फीट दूर खेत में जाकर पलट गया। ट्रक पलटने से ट्रक में भरे पाइप केबिन तोडकऱ बाहर निकल आए। केबिन बुरी तरह पिचक गया। जिसमें दबने से ट्रक चालक भगाराम की दर्दनाक मौत हो गई।
लोगों की मदद से केबिन में फंसे चालक को बाहर निकाला दुर्घटना के समय पास से गुजर रही लग्जरी बस ने पाइप भरे दूसरे ट्रकों के चालकों को ट्रक पलटने की सूचना दी। तुरंत ही तीनों ट्रक आगे से मोड़कर घटनास्थल पहुंचे और हादसे की पुलिस को सूचना दी। इस बीच दुर्घटना देखकर वहां से गुजरते अन्य वाहनों के चालकोंं ने वाहन रोककर केबिन में पाइपों के बीच फंसे चालक को बाहर निकालने के प्रयास शुरू कर दिए। इस बीच सूचना मिलते ही एसआई शिवनारायण मीणा, हैड कांस्टेबल किशनलाल मीणा, ओमप्रकाश विश्नोई, कांस्टेबल ऋषिकेश व नारायणलाल मौके पर पहुंचे और लोगों की मदद से केबिन में फंसे चालक को बाहर निकालने की कवायद शुरू की। इस दौरान एक क्रेन चालक ने मानवता का परिचय देते हुए तुरंत ही ट्रक में बिखरे पाइप को हटाकर केबिन में फंसे ट्रक चालक को मृत हालत में बाहर निकाला। बाद में पुलिस ने एम्बुलेंस की मदद से मृतक चालक का शव सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवाकर मृतक के परिजनों को सूचना दी। शाम करीब 4 बजे बाड़मेर से मृतक के परिजनों ने पुलिस थाने पहुंचकर दुर्घटना का मामला दर्ज करवाया। हैड कांस्टेबल किसनाराम ने मामला दर्ज किया। बाद में पुलिस ने डॉ. मनीष भार्गव से मृतक का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
मृतक के परिवार पर टूटा पहाड़ दुर्घटना की खबर पर पिण्डवाड़ा अस्पताल पहुंचे मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। परिजनों ने बिलखते हुए बताया कि मृतक भगाराम के छोटे-छोटे छह बच्चे हैं। जिनमें चार बड़ी बेटियां और दो बेटे हैं। हमारा परिवार बहुत ही गरीब है। भगाराम की आकस्मिक मौत से उन पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। अब इस परिवार की परवरिश कैसे होगी, यह बड़ा सवाल है। उनकी दर्दभरी दास्तां सुनकर वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गई।