प्रधानाध्यापिका का ‘लीव मैनेजमेंट देख एडीएम भी सकते में!
सिरोहीPublished: Mar 11, 2018 09:54:34 am
1शिक्षा सत्र2017-18 में हर माह 15 से 20 दिन का मेडिकल अवकाश
राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय (संस्कृत) वराड़ा
सिरोही. गंभीर बीमार होने पर सरकारी कर्मचारी चिकित्सक की ओर से जांच के बाद स्वास्थ्य प्रमाण-पत्र (मेडिकल) देकर अवकाश पर जा सकते हैं लेकिन मेडिकल प्रमाण-पत्र की आड़ में कार्मिक कई बार अवकाश लेने से भी बाज नहीं आ रहे हैं। कुछ ऐसा ही मामला राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय (संस्कृत) वराड़ा में सामने आया। यहां कार्यरत प्रधानाध्यापिका का ‘मेडिकल लीव मैनेजमेंटÓ देख निरीक्षण करने पहुंचे अतिरिक्त जिला कलक्टर (एडीएम) के भी होश उड़ गए। प्रारम्भिक पड़ताल में सामने आया कि प्रधानाध्यापिका ने पिछले दो साल की नौकरी अधिकांश मेडिकल अवकाश के सहारे ही गुजार दी। चालू शिक्षा सत्र २०१७-१८ के उपस्थिति रजिस्टर में प्रधानाध्यापिका के नाम के आगे हस्ताक्षर कॉलम में अधिकांश कार्य दिवसों में मेडिकल अवकाश का ही इंद्राज मिला।
दरअसल, अतिरिक्त जिला कलक्टर आशाराम डूडी १० मार्च को विद्यालय में मिड-डे-मील (पोषाहार) का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने उपस्थिति रजिस्टर का अवलोकन किया तो दंग रह गए। यहां कार्यरत प्रधानाध्यापिका इन्दु नेगी के हस्ताक्षर कॉलम में हर महीने मेडिकल लीव लिखा मिला।
ऐसे ली छुट्टी
उपस्थिति रजिस्टर में २०१७ में १ से १५ जुलाई, १६ से ३१ अगस्त, १ से २२ सितम्बर, ३० से ३१ अक्टूबर, १ से ३० नवम्बर, १ से ३ दिसम्बर व १० से ३१ दिसम्बर तक मेडिकल अवकाश का इंद्राज मिला। २०१८ में १ से ७ जनवरी व १४ से ३१ जनवरी, १ से १८ फरवरी तथा २७ फरवरी से १० मार्च तक मेडिकल अवकाश का इंद्राज मिला।
यह है नामांकन
विद्यालय में ४० का नामांकन है जिसमें कक्षा प्रथम से पांचवीं तक ३५ बालिकाएं हैं। कक्षा छह में महज ५ बालिकाएं हैं।
स्कूल छोड़ गई सभी बालिकाएं
विद्यालय में प्रधानाध्यापिका व एक शिक्षिका ही कार्यरत हैं। हालांकि, हाल ही एक शिक्षक की नियुक्ति की गई है लेकिन पूर्व में प्रधानाध्यापिका के नियमित स्कूल नहीं आने से एक शिक्षिका के भरोसे ही व्यवस्था संचालित थी। ऐसे में बिगड़ी व्यवस्था के चलते ७वीं व ८वीं की बालिकाओं ने दूसरे विद्यालयों में प्रवेश ले लिया। इस विद्यालय में कक्षा ७वीं व ८वीं समाप्त हो गई।
साहब! दो साल से यही हालात
एडीएम ने शिक्षिका शारदा शर्मा से प्रधानाध्यापिका के सवाल-जवाब किए। शिक्षिका ने कहा कि ‘साहब! मैडम तो पिछले दो साल से इस तरह मेडिकल लीव लेकर स्कूल नहीं आ रही हैं।Ó