SIROHI- (रेवदर)- सरपंच ने मुफ्त बांट दिए 11.44 करोड़ के पट्टे
सिरोहीPublished: Apr 09, 2017 10:36:00 pm
– जांच रिपोर्ट में माना दोषी, निरस्त करवाने की अनुशंसा
रेवदर ग्राम पंचायत में आबादी भूमि पर निशुल्क 298 पट्टे बांटकर राजकोष को 11.44 करोड़ रुपए की चपत लगाने का मामला सामने आया है। विकास अधिकारी की ओर से जांच में इसका खुलासा हुआ है।रिपोर्ट में राजकोष को हानि पहुंचाने के लिए तत्कालीन सरपंच को व्यक्तिगत रूप से दोषी करार दिया गया है।साथ ही, नियम विरुद्ध जारी पट्टों को निरस्त कर खुली नीलामी से या बाजार दर से विक्रय करने की भी अनुशंसा की गई है। लोकायुक्त में प्रस्तुत एक परिवाद को लेकर रेवदर विकास अधिकारी को जांच सौंपी गई थी। इसमें रेवदर के तत्कालीन सरपंच आनंदकुमार जोशी की ओर से जारी निशुल्क पट्टों की जांच की मांग की गई थी।इस पर ग्राम पंचायत से रिकॉर्डतलब किया।इसके बाद तैयार जांच रिपोर्ट में सामने आया कि 1997 में जोशी ने 298 पट्टे निशुल्क जारी किए, जिसमें अनियमितताएं पाई गईं।नियमों के तहत निशुल्क आबादी भूमि आवंटन का प्रावधान नहीं होने तथा ग्राम सभा में इन भूखंडों को निशुल्क आवंटन नहीं कर खुली नीलामी करने का निर्णय किया था। विकास अधिकारी ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को रिपोर्ट भेजकर नियम विरुद्ध जारी पट्टों की निगरानी प्रस्तुत कर निरस्त करवाने की अनुशंसा की है। साथ ही, इन सभी भूखंडों को पुन: नीलामी से या बाजार दर पर पंचायतराज नियम 1996 के तहत विक्रय की भी अनुशंसा की है।
ऐसे मिली अनियमितता
जांच रिपोर्ट में बताया कि 52 पट्टों पर जारी करने की दिनांक नहीं थी।116 पट्टों पर नम्बर नहीं, 8 पट्टों पर चतुर्दशी व नक्शे का अभाव, 31 पट्टों पर प्लॉट नम्बर नहीं, 15 पट्टों पर काट-छांट, ओवरराइटिंग, लाइन खींचना, निरस्त करना पाया गया। 297 पट्टों पर तत्कालीन ग्राम सेवक के हस्ताक्षर नहीं, कृषि सेवा केंद्र के लिए भूखंड पर सरपंच, सचिव के हस्ताक्षर मिले पर उप सरपंच की सील ही थी, हस्ताक्षर नहीं मिले। 218 पट्टे आनन-फानन में 27 व 28 मार्च, 1997 को दिए।
खुर्दबुर्द कर दी बेशकीमती भूमि
जांच रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि तत्कालीन सरपंच ने 298 निशुल्क पट्टे अधिकांशत: खसरा संख्या 535 व 418 में ही मनमर्जी से मात्र दो दिन में जारी कर दिए। इनका कुल क्षेत्रफल 357715 वर्गफीट होता है, जो बहुमूल्य आबादी भूमि है। वर्तमान आबादी दर के हिसाब से कीमत 11,44,68,800 रुपए है। राजकोष को हुई हानि के लिए जोशी को व्यक्तिगत रूप से दोषी बताया है। साथ ही, पट्टा बहियों में काट-छांट, हेराफेरी, कूटरचित दस्तावेज तैयार कर पंचायत की राजकीय सम्पत्ति व आबादी भूमि खुर्दबुर्द करने का दोषी पाया गया।
कार्रवाई करेंगे…
जांच रिपोर्ट के आधार पर सम्बंधित अधिकारी को सक्षम न्यायालय में निगरानी प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया जाएगा। नियम विरुद्ध जारी पट्टे निरस्त करवा कर नीलामी से या बाजार दर से विक्रय किए जाएंगे।
– आशाराम डूडी, सीईओ, जिला परिषद, सिरोही