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रियासतकालीन मीठी वाव बावड़ी व नाड़ी में जमा गंदा पानी व कचरा बन रहा नासूर

locationसिरोहीPublished: Jun 28, 2022 03:52:07 pm

– अतिक्रमण के चलते मीठी वाव बावड़ी व नाड़ी खो रहे हैं अपना वजूद

रियासतकालीन मीठी वाव बावड़ी व नाड़ी में जमा गंदा पानी व कचरा बन रहा नासूर

मंडार. मीठी वाव व नाड़ी में जमा गंदा पानी व कचरा।

मंडार. कभी कस्बे के पीथापुरा मार्ग पर स्थित मीठे जल के रियासतकालीन प्रमुख पेयजल-स्रोत मीठी वाव बावड़ी पर पनिहारियां मटके लेकर पानी भरने जाया करती थीं। ये पनिहारियां लोहे की बाल्टी से पानी खिंचती और मटके भरकर सिर पर उठाकर अपनी सखियों के साथ बतियाते, हंसी-ठिठोसी करते या कोई गीत गुन-गुनाते हुए घर ले आतीं। पर, कालांतर में रफ्ता-रफ्ता अतिक्रमियों ने बावड़ी व नाड़ी को अतिक्रमण की जद में लेना शुरू कर दिया। नाड़ी जब बरसाती पानी की आवक से भर जाती तो अतिरिक्त पानी परम्परागत मार्ग से होकर तेजासर तालाब में पहुंच जाता। अब हालत यह हो गई है कि जो अतिरिक्त पानी जिस परम्परागत मार्ग से तेजासर तालाब में जाता था, वह मार्ग अतिक्रमियों की मेहरबानी से करीब-करीब बंद हो गया है। अब बारिश के दिनों में नाड़ी का अतिरिक्त पानी तेजासर तालाब में जाने की बजाय सडक़ पर आ जाता है, जिससे लोगों के लिए भारी परेशानी खड़ी हो जाती है। वैसे पिछले दिनों पानी को मोटर की सहायता से बाहर निकालने का काम शुरू तो किया गया, पर वह नाकाफी है। पंचायत नाड़ी की सफाई करवाकर इसके चारों ओर फुटपाट बनवाकर इसका सौन्दर्यीकरण करवा रही है। पर, इससे पहले नाडी के इर्द-गिर्द और परम्परागत मार्ग पर से अतिक्रमण हटवाकर नाड़ी की बेेशकीमती भूमि को अतिक्रमण की जद से मुक्त करवाना होगा। सरपंच परबतसिंह देवड़ा ने बताया कि मीठे पानी के प्रमुख पेयजल-स्रोत मीठी वाव को फिर से सजीवन किया जाएगा। नाड़ी में जमा कचरा व दलदल निकलवाकर सफाई करवाई जा रही है। मदरसा के पास खड्डा खोदकर पानी को मोटर से डायवर्ट कर कचरा निकलवाया जाएगा। नाड़ी के चारों ओर से अतिक्रमण हटवाकर फुटपाथ बनवाया जाएगा।
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