script21वीं सदी में पिछड़ गया राजस्थान का ये गांव, जहां मोबाइल पर बात करने के लिए चढ़नी पड़ती है पहाड़ी | Still Mobile Network Not Available in aburoad Village | Patrika News

21वीं सदी में पिछड़ गया राजस्थान का ये गांव, जहां मोबाइल पर बात करने के लिए चढ़नी पड़ती है पहाड़ी

locationसिरोहीPublished: Apr 28, 2019 01:59:10 pm

Submitted by:

rohit sharma

21वीं सदी में पिछड़ गया राजस्थान का ये गांव, जहां मोबाइल पर बात करने के लिए चढ़नी पड़ती है पहाड़ी

सिरोही/आबूरोड।

देश में लगातार बढ़ती हुई टेक्नोलॉजी के बीच राजस्थान का एक क्षेत्र ऐसा भी है जो इस राह में पीछे छूट गया है। प्रदेश का ये क्षेत्र आज 21वीं सदी के डिजीटल इंडिया से कोसों दूर है। आश्चर्य की बात है जहां देश को डिजीटल इंडिया बनाने को लेकर भरसक प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं, राजस्थान के सिरोही जिले के आबूरोड के भाखर क्षेत्र में ऐसे कई गांव हैं जहां आज तक किसी भी मोबाइल कंपनी का नेटवर्क उपलब्ध नहीं हो पाया है।
ऐसे में आपात स्थिति या फिर किसी रिश्तेदार-परिचित से मोबाइल से बात करनी है तो बाशिंदों को गांव की पहाड़ी पर चढऩा पड़ता है। क्षेत्र के जलोईया फली, निचलागढ़, उपलाखेजड़ा, जाम्बूडी, मीन आदि गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं है। आज के दौर में गांवों में नेटवर्क नहीं होने से वे काफी पिछड़ गए हैं। नेटवर्क के अभाव में स्वास्थ्य विभाग एवं स्कूल संचालकों को सूचना प्रेषित करने में भारी परेशानी होती है।
क्षेत्र में नेता भी आए और वादें भी किए। इसके बावजूद मोबाइल नेटवर्क के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई। वहीं, मोबाइल का नेटवर्क का नहीं होना लोगों के सामने परेशानी खड़ी कर रहा है। रिश्तेदारों से कुशलक्षेम पूछने के लिए भी यहां के लोगों को गांव की पहाड़ी पर चढऩा पड़ता है। किसी प्रकार की वारदात या दुर्घटना होने पर तत्काल पुलिस को सूचित करना तो नामुमकिन है।
गांववासियों का कहना है कि नेता चुनावी जुमला करते हैं और वोट लेते हैं। वादे करने के बावजूद मोबाइल नेटवर्क के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की जा रही है। भाखर क्षेत्र में अमूमन तो नेटवर्क पकड़ता ही नहीं है। नेटवर्क नहीं मिलने से अधिकतर लोगों का मोबाइल रखना भी व्यर्थ साबित हो रहा है। लोगों को आसपास की पहाडिय़ों पर चढ़कर तथा अलग-अलग जगह खड़े रहकर नेटवर्क सर्च करते देखा जा सकता है। मोबाइन नेटवर्क नहीं मिलने से कई बार किसी के घर में कोई खुशी या गम का मौका होने अथवा आपातकाल में अलग-अलग फलियों (ढाणियों) में निवासरत लोगों तथा रिश्तेदारों को सूचना के लिए नजदीक की पहाड़ी पर जाकर नेटवर्क तलाशना पड़ता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो