सिरोही. आपने कई बार ऐसा भी पढ़ा होगा कि नवीं में प्रवेश देने के लिए प्रधानाचार्य आनाकानी करते हैं, लेकिन एक ऐसा भी स्कूल हैं जहां के विद्यार्थियों के प्रवेश के लिए एक नहीं बल्कि दो प्रधानाचार्य की नजर हर साल रहती है। हम बात कर रहे हैं अणगोर के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय की। जी हां, यहां के स्कूल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कारण बच्चों को नवीं में प्रवेश देने के लिए खाम्बल व डोडुआ के संस्था प्रधानों की नजर रहती है। संस्था प्रधान चाहते हैं कि यहां के बच्चे उनके यहां प्रवेश लें, ताकि दसवीं व बारहवीं बोर्ड का परिणाम बेहतर हो। उन्होंने इस साल भी अणगोर संस्था प्रधान से मिलकर उनके यहां प्रवेश दिलवाने का निवेदन किया है।
ये हैं कारण
अणगोर स्कूल में पहली से आठवीं तक के विद्यार्थी पढ़ते हंै। हाल ही डाइट की ओर से आठवीं बोर्ड परीक्षा हुई थी। स्टॉफ ने सभी 24 बच्चों को अतिरिक्त कक्षाएं लेकर पढ़ाया था। साथ ही, छुट्टी के दिन भी पढ़ाने के लिए आते थे। स्कूल का नामांकन 175 है। यहां पर संस्था प्रधान समेत आठ शिक्षक नियुक्त हैं। फिर भी गांव के दानदाताओं ने बच्चों को पढ़ाने के लिए दो युवतियों को लगा रखा है। इनको भुगतान भी भामाशाह करते हैं। ऐसे में युवतियां भी स्कूल की नींव मजबूत करने में जुटी हुई हैं।
निजी स्कूल विफल
वैसे गांव-गांव निजी स्कूलों का बोलबाला है, लेकिन यहां सरकारी स्कूल के आगे निजी स्कूल फेल हो जाते हैं। अणगोर में करीब पांच साल पहले निजी स्कूल शुरू किया था लेकिन अभिभावकों ने सरकारी स्कूल पर ही भरोसा रखा। ऐसे में निजी स्कूल बंद करना पड़ा। शायद जिले की खाम्बल पंचायत भी ऐसी होगी जहां निजी स्कूल नहीं हैं।
दानदाताओं का भी सहयोग
विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में स्टॉफ के साथ गांव के दानदाताओं को सहयोग मिलता है।
-मनोहरसिंह उदावत, संस्था प्रधान, उच्च प्राथमिक विद्यालय, अणगोर
सर्वश्रेष्ठ के मानदंड
जिला स्तर पर उत्कृष्ठ सम्मान समारोह में स्कूल प्रथम, अब राज्य स्तर पर सम्मान मिलेगा।
पानी 24 घंटे आता है। दानदाताओं के सहयोग से प्याऊ, सभी आरओ मशीन का पानी पीते हैं।
पोषाहार प्रभारी, परीक्षा, सांस्कृतिक, कम्प्यूटर प्रभारी आदि का प्रभार महिला शिक्षकों पर है।
महिला शिक्षकों की ओर से सत्र में दो बार एवं शिक्षकों की ओर से साल में एक बार विद्यार्थियों के लिए खीर-पुड़ी, भजिया खिलाने का कार्यक्रम होता है।
संस्था प्रधान के पास अब अणगोर, सिलोइया एवं फाचरिया स्कूल का चार्ज है।
बालक-बालिकाओं व स्टॉफ के लिए भी अलग शौचालय-मूत्रालय की व्यवस्था।