फूलाबाई खेड़ा में अज्ञात बीमारी के कारण बच्चों की मौत के मामले को केंद्र व राज्य सरकार ने गम्भीरता से लेते हुए दिल्ली, जयपुर व जोधपुर से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम फूलाबाई खेड़ा भेजी है। चिकित्सा विभाग के साथ प्रशासनिक अधिकारी भी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। इस बीच भाजपा जिला उपाध्यक्ष किरण पुरोहित, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष अंशु वशिष्ठ, रतनलाल गरासिया, लक्ष्मण पुरोहित सहित कई राजनेताओं ने परिजनों से जानकारी ली।
जागरूकता का अभाव भी बन रहा मौत का कारण क्षेत्र में पिछले दिनों हुई सात-सात बच्चों की मौत के बाद यह बात भी सामने आ रही है कि ग्रामीणों में जागरूकता का अभाव है। कई प्रकार के खाद्य व पेय पदार्थों पर न तो मैन्युफैक्चरिंग डेट पि्रन्ट होती है और ना ही एक्सपायरी डेट। जिससे कई बार बच्चे एक्सपायर्ड डेट की वस्तु भी खा लेते हैं, जिससे स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो सकता है। इसमें खास तौर पर गर्मियों के मौसम में बच्चों की पसंददीदा चुस्की (जिसे स्थानीय भाषा में बच्चे पेप्सी के नाम से जानते हैं) शामिल है।
गली-मोहल्लों में पनप रहा चुस्की बनाने का उद्योग सरूपगंज के कई मोहल्लों में चुस्की बनाई जाती है, तो कई दुकानों पर इसका भारी स्टॉक किया हुआ है। जो लम्बे समय से पड़ा हुआ है। चुस्की बनाने का उद्योग समीपवर्ती नितोड़ा समेत कुछ और गांवों में जारी है, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकता है।
........................ नई धनारी में बच्चे की मृत्यु का सम्भवत: निमोनिया से जिला कलक्टर डॉ. भंवर लाल ने विज्ञप्ति जारी कर यह तथ्यात्मक जानकारी दी। फूलाबाई खेड़ा में बच्चों की आकस्मिक मौते के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की दस टीमें डोर-टू-डोर कर रही सर्वे। अब तक पांच सौ घरों का हो चुका है सर्वे। स्टेट नोडल ऑफिसर (आईडीएसपी) डॉ. प्रवीण अषवाल व कार्यवाहक सीएमएचओ डॉ. महेश कुमार गौतम कर रहे हैं क्षेत्र का निरन्तर दौरा। नई धनारी में हितेष (3) पुत्र गोपाल माली की आकस्मिक मौत के सम्बंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक हितेष बीस दिन से बीमार था। खांसी, जुकाम व बुखार से पीडि़त था। जिसका सरूपगंज के पाइवेट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। गुरुवार रात अचानक तबीयत बिगडऩे पर अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मृत्यु हो गई। जिसका सम्भवत: कारण निमोनिया होना बताया। परिवार के अन्य सभी सदस्य पूरी तरह स्वस्थ हैं।...................
बकौल कलक्टर 13 तारीख के बाद नहीं हुई कोई ऐसी मौतजिला कलक्टर डॉ. भंवर लाल ने एक वीडियो जारी कर बताया फूलाबाई खेड़ा गांव में बच्चों की आकस्मिक मौत के प्रकरण में 13 अप्रेल के बाद इस तरह की मौत की कोई सूचना सामने नहीं आई है। पूरे एरिया में चिकित्सा विभाग की टीमें मुस्तैदी से जुटी हुई हैं। मौके पर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। आज नई धनारी का एक केस आया था, पर वह बच्चा इस तरह की बीमारी से रिलेटेड नहीं है। वह बच्चा करीब बीस-पच्चीस दिन पहले से ही बीमार चल रहा था। सोशल मीडिया पर जिस तरह से न्यूज चलाई जा रही है उससे इसे जोड़कर देखा जा रहा है। चिकित्सकों की टीम नई धनारी गई थी और देखा तो यह केस ऐसी न्यूज से अनरिलेटेड पाया गया। वह बच्चा पहले से ही बीमार था। मौके पर स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। मेडिकल टीम मौके पर ही है और इस तरह की यदि कोई सूचना मिलती है या कोई केस आता है तो मेडिकल टीम को जरूर बताएं। हम पूरी तरह से तैयार है। आमजन से अपील है कि वे किसी भी अफवाह अथवा गलत जानकारी पर ध्यान न दें और ना ही घबराएं। बीमार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जाकर उपचार करवाएं।
बीडीओ ने लिए आईस फैक्ट्री से सेम्पल पिण्डवाड़ा विकास अधिकारी हनुवीर विश्नोई ने शुक्रवार को सरूपगंज की इंद्रा कॉलोनी स्थित कमला आइसक्रीम व महादेव आइस क्रीम फैक्ट्री का औचक निरीक्षण कर सेम्पल लिए।
Òपत्रिकाÓ की ओर से पाठकों को सलाह यदि आपके बच्चों को बर्फ की चुस्की (पेप्सी) पीने की लत है तो आपको बता दें कि बर्फ की चुस्की (पेप्सी) पीना जहर पीने से कम नहीं है। आपने लोगों को सिर्फ यह कहते सुना होगा कि सॉफ्ट ड्रिंक पीना सेहत के लिए अच्छा नहीं है, लेकिन बर्फ से बड़ी फ्लेवर चुस्की (पेप्सी) तो उससे भी कई गुणा ज्यादा घातक है। बर्फ से बनी फ्लेवर चुस्की में प्रयुक्त किया जाने वाला सेकि्रन सामान्य चीनी की तुलना में लगभग 300-400 गुना अधिक मीठा होता है। एक ढक्कन सेकि्रन एक लीटर पानी में मिलाने पर एक किलो शक्कर के जितनी मिठास देता है। सेकि्रन, सुक्रालोज़ और एस्पार्टेम का उपयोग करने से आंत में बैक्टीरिया का संतुलन बाधित हो सकता है, जिससे मोटापा व रक्त में शुगर का स्तर बढ़ने की सम्भावना बढ़ जाती है।