scriptटायर फटने से बेकाबू कार दूसरी लेन में सामने से आ रही दो कारों से टकराई, दम्पती की मौत, छह जने घायल | The uncontrollable car collided with two cars coming from the front in | Patrika News

टायर फटने से बेकाबू कार दूसरी लेन में सामने से आ रही दो कारों से टकराई, दम्पती की मौत, छह जने घायल

locationसिरोहीPublished: May 11, 2019 11:53:37 am

पालड़ी एम के पास हादसा: हरियाणा में छुट्टियां मनाकर गुजरात लौट रहा था परिवार, बेटा-बेटी सुरक्षित बचे

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पोसालिया (सिरोही). पालडी एम के निकट शुक्रवार दोपहर फोरलेन पर चल रही कार टायर फटने से बेकाबू हो गई। डिवाइडर फांदकर दूसरी लेन में घुसी कार सामने से आ रही दो कारों से टकरा गई। हादसे में दो जनों की मौत हो गई जबकि छह जने घायल हुए हैं। सभी घायलों को सिरोही के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है और दोनों शव मोर्चरी में रखवाए गए हैं। हादसे में एक कार में सवार माता-पिता की मौत हो गईजबकि बेटा-बेटी सुरक्षित बच गए।
पुलिस के अनुसार हादसा करीब साढ़े बारह बजे हुआ। हादसे में हरियाणा के बुहानी खेड़ा हाल भावनगर गुजरात निवासी सुरेन्द्र शर्मा(46) पुत्र विश्वदयाल शर्मा और उनकी पत्नी श्रीमती सुशीला शर्मा (40) की मौत हो गई और इनकी बीस वर्षीय बेटी दीपिका और सत्रह वर्षीय बेटा रमण घायल हो गए। यह परिवार हरियाणा में छुट्टियां मनाकर गुजरात लौट रहा था। वहीं सामने से आ रही दूसरी कार में सवार पाली जिले के चण्डावल के उदासी कुआ निवासी पोकरराम पुत्र जयराम सीरवी, मंजू पत्नी पोकरराम सीरवी, सुमन, रायपुर के झूठा निवासी ओमप्रकाश पुत्र चेलाराम सीरवी घायल हो गए। सभी घायलों को सिरोही के राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ये लोग सिरोही से चण्डावल जा रहे थे। तीसरी कार में सवार सभी सकुशल हैं लेकिन कार का अगला हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। हादसे की सूचना पर जिला कलक्टर सुरेन्द्रकुमार सोलंकी, पुलिस अधीक्षक कल्याणमल मीना ने टीम के साथ चिकित्सालय पहुंचे और घायलों के उपचार के सम्बन्ध में जानकारी ली। साथ घटनास्थल पर क्षतिग्रस्त वाहन हटवाकर यातायात सुचारू करवाया।
मदद को आगे आए अब्दुल और अनस, कार में फंसे लोगों को बाहर निकाला
सिरोही. हादसे के बाद मौके पर सबसे पहले पहुंचने वालों में दो मुस्लिम शख्स थे जिन्होंने कार में फंसे घायलों को बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाने में मदद की। इनको इस बात का दु:ख भी हैकि हादसे में दो जनों को लाख कोशिशों के बावजूद नहीं बचा पाए।
अब्दुल लतीफ और मौनी अनस दोनों फोरलेन के पास होटल चलाते हैं और जिस समय हादसा हुआ उस जगह से इनकी होटल करीब सौ मीटर के फासले पर ही है। यह दोनों घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचने वालों में शामिल थे।
अब्दुल और अनस ने ‘पत्रिकाÓ को बताया कि दोपहर के करीब साढ़े बारह बज रहे होंगे। हम अभी होटल के काउंटर पर बैठे ही थे कि अचानक किसी के टकराने की तेज आवाज आई, कुछ संभलते की ऐसी ही आवाज फिर आई। हमें समझते देर नहीं लगी कि कोई एक्सीडेंट हुआ है। हम दौड़कर फोरलेन पर आए देखा तो तीन कारें इधर-उधर पलटी-बिखरी मिली। भीतर फंसे लोग चिल्ला रहे थे। हम भागकर उनके पास गए। एक कार में लोग बुरी तरह से फंसे हुए थे। हमने दरवाजा तोड़-मरोड़ कर एक-एक कर सबको बाहर निकाला और उन्हें सिरोही अस्पताल पहुंचाया।
अल्लाह ताला का शुक्र है कि हमें रमजान महीने में नेक काम करने का मौका मिला।
घायल बेटी बोली- मम्मी-पापा कहां हैं…प्लीज उनसे मिलाओ ना…
सिरोही. मेरे मम्मी-पापा कहां है…वे यहां दिख क्यों नहीं रहे… प्लीज उनसे मिलाओ ना। यह कहना है इस हादसे में अपने मम्मी-पापा को हमेशा-हमेशा के लिए खो चुके दीपिका और रमन का।
दीपिका नौंवीं और रमन बारहवीं में पढ़ते हैं। ये दोनों मम्मी-पापा के साथ छुट्टियों में घूमने हरियाणा गए थे और वहां से फिर गुजरात लौट रहे थे। दीपिका बताती हैं कि वे तो सड़क पर आराम से चल रहे थे। कहीं कोई परेशानी नहीं आई। फिर हादसा कैसे हुआ, यह समझ में नहीं आ रहा। पूछती है अंकल पता करो ना… जहां दुर्घटना हुई वहां सीसीटीवी कैमरा है क्या? पता तो चले कि दुर्घटना हुई कैसे? फिर थोड़ी देर कुछ सोचती है और बोलती है..पापा-मम्मी कहां गए…मुझे उनके पास जाना है..कोई कुछ बताता क्यों नहीं? पास खड़ी उसकी आंटी दिलासा देती है कि उनका दूसरे कमरे में इलाज चल रहा है लेकिन वह गर्दन घूमाकर चारों तरफ देखती है लेकिन वहां उसे कोई नजर नहीं आता। फिर उसकी आंखें भर जाती है और वह खामोश बैठी रहती है। ठीक ऐसी ही हालत उसके भाई रमन की भी है। वह भी बार-बार पलंग से उठता है और इधर-उधर मम्मी-पापा को खोजता है। जब मम्मी-पापा आसपास दिखाई नहीं देते तो बहन के पास आकर बैठ जाता है।
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