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video story: एक अप्रेल को नई मंडी में लगेगा सब्जी फल मार्केट

locationसिरोहीPublished: Mar 19, 2019 11:17:25 am

Submitted by:

mahesh parbat

– बाजार में होने वाली समस्या से मिलेगी निजात- बिजली, प्लेटफॉम की व्यवस्था चाक सौबंद

sirohi

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आबूरोड. शहर में सब कुछ ठीक ठाक रहा तो एक अप्रेल से सदर बाजार की पत्थर गली में लगने वाली सब्जी मंडी अब सांातपुर स्थित कृषि उपज मंडी समिति परिसर में ही लगेगी। इससे बाजार में होने वाली परेशानियों से काफी राहत मिलेगी। विभाग की ओर से यहां कृषि उपज मंडी में सभी तैयारी कर दी गई है, इतंजार है तो बस पानी के कनेक्शन का। हालांकि यह भी विभाग की ओर से प्राथमिक व्यवस्था करने का प्रयास किया जा रहा है। अब १ अप्रेल से एक छत के नीचे फल एवं सब्जी मंडी की होलसेल सुविधा मिलेगी। राजस्थान में सबसे पहले स्वीकृत हुए इस मंडी में अब जाकर पंख लगे है। आपको बता दे कि यह मंडी ३ मई १९६९ में स्थापना हुई थी। लेकिन विवादों के कारण इसको पंख नहीं लगे। काफी विवाद के बाद २००८ में मंडी की भूमि का आंवटन हुआ था। अब यहां सभी तैयारी हो गई है।
३४ दुकानों का लगेगा मेला
मंडी के लिपिक चुन्नीलाल ने बताया कि सब्जी विक्रेताओं के लिए 15 गुणा 30 फीट की २० बड़ी दुकानें मय गोदाम तथा १४ दुकानें फुटकर गैर कृषि जींसों की बनाई गई है। यहां सब्जी व फल की नीलामी के लिए ऑक्शन प्लेटफॉर्म बनावाया गया है, जिसको टीन शेड़ से ढका गया है, ताकि सर्दी, गर्मी एवं बारिश में यहां आने वाले विक्रेताओं को परेशानी नहीं हो सके।
अब यह हाल है मंडी के
वर्तमान में सब्जी व फल की मंडी सदर बाजार की पत्थर गली में सड़क पर ही लगती है। सुबह चार बजे से इस मंडी में भारी चहल-पहल शुरू होती है जो आठ-नौ बजे तक लुप्त हो जाती है। दरअसल बाजार खुलने से पूर्व ही सब्जी व फल के थोक-विक्रेताओं को अपना कारोबर समेटने को विवश हो जाना पड़ता है।
तो हो सकता है पानी संकट
मंडी में नीलामी चबूतरा, रोड लाइट, सड़क, शौचालय समेत सभी सुविधाएं तैयार कर दी है, लेकिन अभी तक पेयजल की व्यवस्था नहीं हो सकी है। विभाग की ओर से २९ जून २०१८ को पेयजल लाइन के लिए १३.४१ लाख का प्रस्ताव निदेशालय जयपुर को बनाकर भेजा था, लेकिन वह स्वीकृत नहीं हुआ। उसके बाद लघु निर्माण के लिए एक लाख का बजट आवंटन हुआ लेकिन इस बजट से यह व्यवस्था नहीं हो सकती थी, फिर भी विभाग की ओर से २१ फरवरी २०१९ को टेंडर निकाले लेकिन यहां कोई भी ठेकेदार नहीं आया और जो भी आया उसने इस बजट में काम करने से मना कर दिया। अब मंडी के स्थानीय अधिकारी ही अपने स्तर पर कुछ व्यवस्था कर एक बार पानी तो जोडऩे का प्रयास कर रहे है।

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