photo story: लॉटरी में नाम आने के बाद भी निशुल्क शिक्षा से रहेंगे वंचित
सिरोहीPublished: Apr 17, 2019 09:51:57 am
– आरटीई के तहत निजी स्कूलों में निशुल्क प्रवेश के लिए लॉटरी में चयन के बावजूद हजारों बच्चे इस बार भी प्रवेश से वंचित रहेंगे।
लॉटरी में नाम आने के बाद भी निशुल्क शिक्षा से रहेंगे वंचित
– रोस्टर प्रणाली तोड़ेगी उम्मीद
आबूरोड. आरटीई के तहत निजी स्कूलों में निशुल्क प्रवेश के लिए लॉटरी में चयन के बावजूद हजारों बच्चे इस बार भी प्रवेश से वंचित रहेंगे। क्योंकि प्रवेश के लिए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से तय रोस्टर प्रणाली अभिभावकों और बच्चों की उम्मीदें तोड़ेगी। ऐसे में निर्धन अभिभावकों को अपने बच्चों को निजी स्कूल में प्रवेश दिलाने के लिए मजबूरन हजारों रुपए खर्च करने पड़ेंगे। या फिर सरकारी स्कूल में प्रवेश दिलाना पड़ेगा। गौरतलब है कि नए शिक्षा सत्र में अपने बच्चों को निजी स्कूल में निशुल्क शिक्षा अधिनियम के तहत प्रवेश दिलाने के लिए जिले के प्राथमिक एवं सैकंडरी स्तर ३७७ स्कूलों के लिए ७ हजार ३३४ आवेदन किए है। मगर आरटीई के तहत बच्चों को निशुल्क शिक्षा के लिए प्रवेश एक तीन के अनुपात में दिया जाएगा। यानि एक आरटीई प्रवेश के बाद तीन सामान्य बच्चों को प्रवेश मिलेगा। ऐसे में सामान्य बच्चे कम होने पर स्कूल में आरटीई के कम बच्चों को प्रवेश मिलेगा। ऐसे में नंबर नहीं आने पर अभिभावक दूसरे स्कूल में आवेदन कर सकेंगे। वहां भी नंबर नहीं आने पर उन्हें अपने बच्चे को फीस देकर ही प्रवेश दिलाना पड़ेगा।
ये है रोस्टर प्रणाली
पहला बच्चा आरटीई का होगा। उसके बाद दो, तीन व चार नंबर पर सामान्य बच्चे का प्रवेश होगा। पांच नंबर पर आरटीई प्रवेश के बाद छह, सात व आठ नंबर पर सामान्य, नौवें नंबर पर आरटीई प्रवेश के बाद 10, 11 व 12वें नंबर पर सामान्य बच्चे का प्रवेश होगा। ऐसे में किसी स्कूल में यदि आरटीई के तहत प्रवेश के लिए चयनित 10 बच्चों ने आवेदन किया है। और स्कूल में 20 सामान्य बच्चों के प्रवेश हुए हैं तो आरटीई के पांच ही बच्चों का प्रवेश होगा। बाकी पांच को आरटीई के तहत प्रवेश से वंचित रहना पड़ेगा।
वार्ड के बच्चे को मिलेगी प्राथमिकता
आरटीई के नियमानुसार निजी स्कूल अन्य क्षेत्र के बच्चों की बजा अपने वार्ड के चयनित बच्चे को प्रवेश देने के लिए बाध्य होंगे। कई बार अभिभावक ई-मित्र पर आवेदन करते समय अपना निवास स्थान वार्ड भी स्कूल के वार्ड में ही लिखवा देते हैं। ताकि प्रवेश आसानी से हो सके। ऐसे में स्कूल प्रबंधन को ये देखना होगा कि बच्चा उसके वार्ड का है या नहीं। उसके वार्ड का चयनित कोई बच्चा प्रवेश से वंचित तो नहीं रह रहा है।
प्रारंभिक स्कूलों में आरटीई के लिए चयनित बच्चे
तहसील बच्चे
आबूरोड १९
पिण्डवाड़ा ४७
रेवदर ५८
शिवगंज ४५
सिरोही ४२
माध्यमिक स्कूलों में आरटीई के लिए चयनित बच्चे
तहसील बच्चे
आबूरोड १७
पिण्डवाड़ा ५
रेवदर ७
शिवगंज १०
सिरोही ९