करजिया गांव की मोरिया फली की आदिवासी धात्री, गर्भवती व शिशुओं को आजादी के 74 साल बाद भी पूरक पोषण आहार एवं टीकाकरण की बुनियादी जरूरतों से मोहताज होना पड़ रहा हैं। मोरिया फली की महिलाओं ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र के अभाव में स्थानीय धात्री व गर्भवती महिलाओं तथा 3 से 5 साल तक के बच्चों को पूरक पोषाहार एवं टीकाकरण की सुविधा से वंचित होना पड़ रहा है। पता चला है कि बसुरी पत्नी उमाराम गरासिया धात्री, रमी पत्नी कावाराम, सवली पत्नी शंकरलाल, मनूरी पत्नी वेलाराम, रंगीली पत्नी पोमाराम ने बताया कि मोरिया फली में आंगनबाड़ी केंद्र के अभाव में गर्भवती व धात्री महिलाओं तथा बच्चों को पूरक पोषाहार से वंचित रहना पड़ रहा है। केंद्र के अभाव में हमें भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
इन्होंने बताया... मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है। आपके माध्यम से मुझे सूचना मिली है। क्षेत्र का सर्वे करवाकर पात्र परिवारों को नियमानुसार सुविधा मुहैया करवाई जाएगी। - पूनमसिंह सोलंकी, सीडीपीओ, रेवदर