scriptसात जिलों में धान की रोपाई पर रोक, पट्टे पर जमीन लेने वाले किसान भी नहीं कर सकेंगे रोपाई | Farmers Will Not Be Able To Transplanting Of Paddy In 7 Districts | Patrika News

सात जिलों में धान की रोपाई पर रोक, पट्टे पर जमीन लेने वाले किसान भी नहीं कर सकेंगे रोपाई

locationसिरसाPublished: May 03, 2020 08:29:31 pm

Submitted by:

Devkumar Singodiya

भूमिगत जलस्तर में जबरदस्त गिरावट,
औसतन 2 से 5 मीटर गिरावट के चलते लिया फैसला सरकार के इस निर्णय से किसानों में रोष

सात जिलों में धान की रोपाई पर रोक, पट्टे पर जमीन लेने वाले किसान भी नहीं कर सकेंगे रोपाई

सात जिलों में धान की रोपाई पर रोक, पट्टे पर जमीन लेने वाले किसान भी नहीं कर सकेंगे रोपाई

सिरसा/चंडीगढ़. हरियाणा सरकार ने राज्य के सात जिलों में पट्टे पर जमीन लेकर खेती करने वाले किसानों के लिए धान की रोपाई करने पर रोक लगा दी है। सरकार ने यह फैसला भूमिगत जलस्तर पर में लगातार आ रही गिरावट के चलते लिया है। सरकर के इस फैसले से किसानों में रोष है।

हरियाणा में पिछले करीब पांच वर्षों के दौरान औसतन 2.20 मीटर पानी का स्तर नीचे चला गया है। राज्य के कई जिले तो ऐसे हैं जहां भूमिगत जल स्तर में पांच मीटर तक की गिरावट आ चुकी है। हरियाणा में भूमिगत जलस्तर में तेजी से आ रही गिरावट के चलते प्रदेश सरकार ने पिछले साल जल ही जीवन है मिशन शुरू कर प्रदेश में धान बाहुल्य जिलों में किसानों के लिए फसल विविधिकरण पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था।

इसके तहत 50 हजार हैक्टेयर में मक्का, अरहर, ग्वार, तिल, ग्रीष्म मूंग, कपास, तिल आदि की पैदावार का लक्ष्य रखा था। सरकार का दावा था कि प्रदेश के 49 हजार 445 किसानों को इस योजना में शामिल किया गया। इस साल सरकार ने इस योजना का दायरा बढ़ाकर एक लाख हैक्टेयर तक कर दिया है।


पैदावार तो बम्पर, लेकिन पानी की खपत भी ज्यादा

करनाल, कैथल, जींद, कुरूक्षेत्र, अंबाला, यमुनानगर व सोनीपत आदि जिले ऐसे हैं जहां धान की पैदावार अधिक होती है। इनमें से कई जिलों में किसानों द्वारा ऐसी किस्मों की पैदावार की जाती है जो कम समय में अधिक पैदावार तो देती हैं, लेकिन पानी की खपत बहुत होती है। इस साल सरकार ने इस मामले में सख्ती करते हुए उन किसानों पर शिकंजा कस दिया है जो पंचायतों से जमीन पट्टे पर लेकर फसलों की पैदावार करते हैं। ऐसे किसानों द्वारा धान की रोपाई किए जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है।

विकास एवं पंचायत विभाग हरियाणा के प्रधान सचिव द्वारा उक्त सातों जिलों के उपायुक्तों, डीडीपीओ तथा बीडीपीओ के नाम जारी एक पत्र में कहा गया है कि हरियाणा के उपरोक्त सात जिलों के आठ ब्लाकों में पट्टे पर जमीन लेकर धान की पैदावार पर रोक लगा दी है। फील्ड अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होगी कि वह अपने-अपने क्षेत्र का दौरा करके यह तय करें कि किसान धान की पैदावार न करें।


विपक्ष ने की निंदा, किसानों ने उठाई पुनर्विचार की मांग

हरियाणा सरकार के इस फैसले को ट्वीट के माध्यम से उजागर करने वाले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसे किसान विरोधी फैसला बताया है। सुरजेवाला ने कहा कि इस साल हरियाणा का किसान प्राकृतिक आपदाओं का शिकार रहा है। ऐसे में इस फैसले से किसानों को और नुकसान होगा। उधर, भारतीय किसान यूनियन के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी ने इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग करते हुए कहा कि ज्यादातर छोटे किसान जमीन पट्टे पर लेकर फसल पैदा करते हैं। किसान इस फसली चक्र से बाहर निकलना चाहता है, लेकिन सरकार पहले वैकल्पिक उपाय करें। उसके बाद इस तरह के फैसलों को लागू करवाए।


जहां लगी धान पर रोक, वहां पांच साल में ऐसे गिरा जलस्तर

जिला जलस्तर में गिरावट
अंबाला 4.58 मीटर
कैथल 5.67 मीटर
कुरूक्षेत्र 5.37 मीटर
पानीपत 4.40 मीटर
सोनीपत 2.08 मीटर
जींद 1.39 मीटर
करनाल 1.12 मीटर


हरियाणा की अधिक खबरों के लिए क्लिक करें…

पंजाब की अधिक खबरों के लिए क्लिक करें…

ट्रेंडिंग वीडियो