फैसले के समय गुरमीत राम रहीम को रोहतक की सुनारिया जेल से वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश किया गया था, जबकि तीन अन्य अभियुक्त व्यक्तिगत तौर पर अदालत में मौजूद थे। रामचन्द्र छत्रपति हत्या मामले में चारों को दोषी करार दिए जाने के बाद अदालत में मौजूद तीनों अभियुक्तों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इस हत्या मामले में गुरमीत राम रहीम व डेरा मेनेजर किशन सिंह को हत्या की साजिश रचने एवं कुलदीप सिंह व निर्मल सिंह को गाली मारने का दोषी करार दिया गया है। इस फैसले के समय पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति के परिजन अदालत में मौजूद थे।
पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति ने अपने समाचार पत्र ‘पूरा सच’ में डेरा सच्चा सौदा में साध्वियों से बलात्कार किए जाने सम्बन्धी एक पत्र प्रकाशित किया था। इसके बाद रामचन्द्र छत्रपति की अक्टूबर 2002 में ही सिरसा स्थित निवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। शुरूआत में पुलिस ने इस मामले में जांच की थी लेकिन जांच सही दिशा में न पाए जाने पर हाईकोर्ट ने 2006 में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।
रामचन्द्र हत्या मामले में अदालत के फैसले की तिथि से पहले पंचकूला,चंडीगढ,सिरसा के अलावा पंजाब के कुछ हिस्सों में सुरक्षा के माकूल इंतजाम किए गए थे। गुरमीत राम रहीम अभी रोहतक की सुनारिया जेल में बन्द है। उन्हें साध्वी बलात्कार मामलों में 10-10 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी।