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गुरमीत राम रहीम का आजीवन कारावास बलात्कार मामलों में बीस साल का कारावास पूरा करने के बाद होगा शुरू

locationसिरसाPublished: Jan 18, 2019 02:32:29 pm

Submitted by:

Prateek

सीबीआई के वकील एचपीएस वर्मा के अनुसार हत्या के मामले में सीबीआई जज ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 427 के तहत अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल नहीं किया…

(चंडीगढ,सिरसा): हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के लिए पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति हत्याकांड में गुरूवार को सीबीआई अदालत द्वारा सुनाया गया आजीवन कारावास पहले बलात्कार मामलों में सुनाए गए बीस साल के कारावास के पूरा हाने के बाद शुरू होगा।

 

सीबीआई के वकील एचपीएस वर्मा के अनुसार हत्या के मामले में सीबीआई जज ने दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 427 के तहत अपने विवेकाधिकार का इस्तेमाल नहीं किया। इसलिए गुरमीत राम रहीम का आजीवन कारावास पहले बलात्कार के दो मामलों में सुनाए गए दस-दस साल के दो कारावासों के एक के बाद दूसरे के क्रम में बीस साल में पूरा होने के बाद शुरू होगा।

 

वर्मा ने बताया कि सीबीआई अदालत ने गुरमीत राम रहीम सिंह व कृष्णलाल को हत्या व साजिश रचने के दोष के लिए आजीवन कारावास व 50-50 हजार रूपए जुर्माने और कुलदीप सिंह व निर्मल सिंह को हत्या एवं साजिश के दोष में आजीवन कारावास एवं 50-50 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर दो-दो साल का कारावास अतिरिक्त भुगतना होगा। निर्मल सिंह 25 आर्म्स एक्ट में तीन साल की कैद व पांच हजार रूपए जुर्माना और कृष्णलाल को 19 आर्म्स एक्ट में तीन साल की कैद व 5 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई है।

 

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण पीठ के फैसले के अनुसार आजीवन कारावास का मतलब आजीवन जेल में रखे जाने से है। वर्मा ने बताया कि सजा सुनाए जाने के दौरान सभी दोषी सामान्य पाए गए थे। पीडित परिवार को मुआवजे के लिए कोई आदेश नहीं दिया गया। बचाव पक्ष ने सजा कम से कम देने की अपील की थी।

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