खेमका ने इसी साल जनवरी में अपने वकील पुत्र के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपनी सालाना कार्य समीक्षा रिपोर्ट से मुख्यमंत्री मनोहर लाल की टिप्पणियां निकाले जाने के आदेश देने की मांग की थी। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने पिछले माह नोटिस जारी कर राज्य सरकार से जवाब मांगा था।
सालाना कार्य समीक्षा रिपोर्ट 8 अप्रेल 2016 से 31 मार्च 2017 के लिए तैयार की गई थी। इस अवधि में अशोक खेमका के कार्यसमीक्षा अधिकारी खेल और युवा मामलों के मंत्री अनिल विज थे। विज ने इस रिपोर्ट में खेमका को कुल दस में से 9.92 अंक दिए थे और कहा था कि विपरीत हालात में खेमका ने शानदार काम किया। लेकिन कार्यसमीक्षा रिपोर्ट स्वीकार करने वाले अधिकारी मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खेमका की कार्य समीक्षा में 10 में से 9 अंक दिए और यह टिप्पणी भी कर दी कि खेमका के बारे में विज ने थोडा अधिक ही लिखा है। मुख्यमंत्री की इस टिप्पणी से खेमका के अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर पदोन्नति प्रभावित हुई।
हरियाणा में मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के दौरान खेमका ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा और रीयल एस्टेट क्मपनी डीएलएफ के बीच भूमि सौदे पर किया गया इन्तकाल रद्द कर दिया था। इस प्रकरण से खेमका खास चर्चा में आए और हुड्डा सरकार द्वारा तुरन्त कम महत्व के पद पर तबादला किया गया। अपने अब तक के सेवाकाल में खेमका के 52 तबादले हुए है और मौजूदा भाजपा सरकार में इसी माह छठी बार तबादला किया गया है।