हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान जाट, जट्ट सिख, मूला जाट, रोड़, बिश्नोई व त्यागी को स्पेशल बैकवर्ड क्लास का दर्जा प्रदान करके आरक्षण की सुविधा दी थी। बाद में यह मामला हाईकोर्ट में चला गया। इसी मुद्दे को लेकर वर्ष 2016 के दौरान हरियाणा में हिंसा भी हो चुकी है, जिसमें 31 व्यक्तियों की मौत हुई थी। मामला आज भी अदालत में विचाराधीन है। इस बीच राज्य में हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन तथा हरियाणा स्टाफ स्लैक्शन बोर्ड के माध्यम से विभिन्न विभागों में रिक्त पद भरने के लिए भर्तियों का आयोजन किया गया। जिसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं लेकिन अभी तक परिणाम घोषित नहीं किए गए हैं। इस मुद्दे पर निकट भविष्य में कोई फैसला आने की भी संभावना नहीं है। जिसके चलते सरकार ने बीच का रास्ता निकालते हुए स्पेशल बैकवर्ड क्लास के तहत आवेदन करने वालों को सामान्य/अनारक्षित श्रेणी के अधीन मानकर परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने और बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करने का फैसला किया है। सरकार का यह फैसला संबंधित विभागों के अलावा बोर्ड व निगमों में होने वाली भर्तियों पर भी लागू होगा।
हरियाणा में केंद्र के मानकों पर मिलेगा आर्थिक पिछड़ों को आरक्षण
केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़ों को आरक्षण दिए जाने के संबंध में जारी की गई अधिसूचना के आधार पर हरियाणा में आर्थिक रूप से पिछड़ों को आरक्षण मिलेगा। प्रदेश सरकार ने बुधवार को इस संबंध में राज्य स्तर पर जारी की गई अधिसूचना को वापस ले लिया है। अब हरियाणा में केंद्र सरकार के नियमानुसार ही आर्थिक रूप से पिछड़ों को आरक्षण की सुविधा मिलेगी। सरकार ने केंद्र सरकार की अधिसूचना को लागू करते हुए हरियाणा के सभी विभागाध्यक्षों, बोर्ड व निगमों के निदेशक व चेयरमैन को इस बारे में सूचित करते हुए निर्देश दिए हैं कि भविष्य में होने वाली तमाम भर्तियों आदि में यह नियम लागू किए जाएंगे।